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Uttarakhand National Games: राष्ट्रीय खेलों के पहले ही दिन हाईटेक शूटिंग रेंज की क्वालिटी हुई साबित

क्वालीफिकेशन रिकार्ड हरियाणा की बेटी रमिता जिंदल के नाम,
10 मीटर की एयर रायफल महिला स्पर्धा में रही सफल
देहरादून। उत्तराखंड में शुरू हुए 38वे राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा की रमिता जिंदल बुधवार को जब अपनी एयर रायफल लिए शूटिंग रेंज पर पहुंची, तो उनकी काबिलियत कसौटी पर थी। कसौटी पर वह नवनिर्मित हाईटेक शूटिंग रेंज भी थी, जिसकी तुलना दिल्ली और भोपाल की शूटिंग रेंज से की जा रही थी। रमिता की रायफल से गोली निकली। स्कोर 634.9 रहा और यह 10 मीटर की एयर रायफल महिला स्पर्धा के क्वालीफिकेशन राउंड का कीर्तिमान बन गया। रमिता तो कसौटी पर खरी उतरी ही, महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स काॅलेज की शूटिंग रेंज भी खरा सोना साबित हुई।
राष्ट्रीय खेलों के पहले दिन की इससे शानदार शुरूआत हो ही नहीं सकती थी, जबकि शूटिंग की पहली ही स्पर्धा में रिकार्ड टूट गया। भारतीय शूटिंग टीम के असिस्टेंट कोच अरूण सिंह के मुताबिक-इससे पहले, शूटिंग की इस स्पर्धा में क्वालीफिकेशन रिकार्ड 637 .7 स्कोर पर बना था। यह रिकार्ड भोपाल में आयोजित वल्र्ड कप चैंपियनशिप में बना था। रमिता ने दो अतिरिक्त प्वाइंट अर्जित कर नया क्वालीफिकेशन रिकार्ड बनाया है। रमिता को अब बृहस्पतिवार को इस स्पर्धा के फाइनल में खेलना है। दो तरह के रिकार्ड मेंटेन किए जाते हैं। एक क्वालीफिकेशन और दूसरा मेडल रिकार्ड होता है।
राष्ट्रीय खेलों के लिए महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स काॅलेज में बनाई गई हाईटेक शूटिंग रेंज की जितनी तारीफ की जा रही थी, वह पहले ही दिन सही साबित हुई है। भारतीय टीम के असिस्टेंट कोच अरूण सिंह शुरू से ही कह रहे थे कि जिस तरह से इस शूटिंग रेंज को तैयार किया गया है, उससे यहां नए रिकार्ड निकल सकते हैं।
यह है शूटिंग रेंज की खासियत
शूटिंग रेंज में कुल 160 टारगेट स्थापित हैं। 10 व 25 मीटर रेंज के 60-60 व 50 मीटर रेंज के 40 टारगेट हैं।
-टारगेट क्षमता के मामले में यह दिल्ली व भोपाल के बाद तीसरे नंबर की शूटिंग रेंज है। 25 मीटर की रेंज में सबसे ज्यादा टारगेट फिक्स करने की क्षमता।
-अत्याधुनिक हाइटेक उपकरणों से सुसज्जित यह शूटिंग रेंज है। हाईटेक टारगेट से सटीक स्कोरिंग सुनिश्चित हो रही है।
रमिता बोली-पेरिस की तरह ही है शूटिंग रेंज
-क्वालीफिकेशन रिकार्ड बनाने वाली हरियाणा की रमिता पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। वह पेरिस ओलंपिक में अंतिम आठ में जगह बनाने में कामयाब रहीं थीं। रमिता का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि वह रिकार्ड बनाएंगी। अपनी कोच नेहा चवन को भी वह इस मौके पर याद करने से नहीं चूकी। साथ ही कहा कि दून की शूटिंग रेंज बहुत अच्छी है। पेरिस की शूटिंग रेंज में जो उपकरण लगे थे, वे ही यहां लगाए गए हैं। इससे स्कोरिंग अच्छी हो रही है।
उत्तराखंड बहुत सुंदर, हमेशा से है पसंद
हरियाणा के कुरूक्षेत्र के लाडवा की रहने वाली रमिता हंसराज काॅलेज दिल्ली की बीकाॅम ऑनर्स की छात्रा हैं। वर्ष 2015 से शूटिंग प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। रमिता का कहना है कि उत्तराखंड उन्हें हमेशा से पसंद रहा है। देहरादून कई बार आई हैं, घूमने के लिए। इस बार भी फाइनल मैच हो जाने के बाद जब समय मिलेगा, वह यहां के प्राकृतिक नजारों को देखने के लिए निकलेंगी।
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राष्ट्रीय खेलों के लिए हमने अंतरराष्ट्रीय मानक वाले उपकरणों की व्यवस्था की है। मुझे उम्मीद है कि देश भर से आए खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन उत्तराखंड की धरती पर करेंगे और खेलों में नए-नए कीर्तिमान स्थापित होंगे। मैं सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूं।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
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हमने शूटिंग रेंज को ठीक उसी गुणवत्ता के साथ बनाने के निर्देश दिए थे, जैसी शूटिंग रेंज पिछले ओलंपिक में पेरिस में बनाई गई थी। विशेषज्ञों की सलाह पर वही उपकरण यहां भी प्रयोग किए गए हैं। मैंने तैयारी के दौरान दो बार रेंज का निरीक्षण किया था। निश्चित रूप से यह रेंज अंतरराष्ट्रीय स्तर की बनी है। मुझे खुशी है कि अब खिलाड़ी खुद इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि उन्हें उत्तराखंड में ओलंपिक के स्तर के खेल सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं:- रेखा आर्या, खेल मंत्री

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