उत्तराखण्ड

अब भाजपा विधायक केदार रावत ने भीतरघात का आरोप लगाकर फैलाई सनसनी

यमनोत्री में पार्टी के ही पदाधिकारियों पर सहयोग न करने के आरोप जड़े
देहरादून। विधानसभा चुनाव में मतदान के बाद भाजपा के एक के बाद एक विधायक भीतरघात और अपनों पर ही गद्दारी करने का आरोप लगातार लगा रहे हैं। लक्सर विधायक संजय गुप्ता, काशीपुर विधायक हरभजन सिंह चीमा और चम्पावत विधायक कैलाश गहतोड़ी के बाद अब यमनोत्री विधायक और प्रत्याशी केदार सिंह रावत ने भीतरघात का आरोप लगाकर पार्टी में सनसनी फैला दी है।
यमनोत्री से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले केदार सिंह रावत ने भितरघात का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अब उनकी जीत के अंतर में कमी आएगी । पहले केदार सिंह बड़ी जीत का दावा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान पार्टी के मुख्य कार्यकर्ताओं ने उनके लिए मन से काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि यदि यमुनोत्री में पार्टी चुनाव हारती है तो इसका मुख्य कारण यही होगा कि कुछ कार्यकर्ताओं ने उनके लिए पूरे मनोयोग से काम नहीं किया। विधायक केदार रावत शनिवार को देहरादून में बलबीर रोड स्थित पार्टी मुख्यालय भी पहुंचे और वहां भी उन्होंने कहा कि कुछ स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ काम किया है।
उन्होंने कहा कि पार्टी के आधा दर्जन के करीब नेताओं ने उनके खिलाफ काम किया है और विपक्षी को जिताने के प्रयास किए हैं। केदार रावत ने कहा कि भितरघात करने वाले नेताओं के नाम उनके पास मौजूद हैं और यदि संगठन उनसे इस बारे में जानकारी मांगता है तो वह शीर्ष नेतृत्व को ऐसे नेताओं की पूरी सूची उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के कई प्रमुख नेताओं ने उनके पक्ष में काम करने के बजाए विरोधियों के लिए काम किया है और ऐसे लोगों को वह पार्टी से निष्काशित करके ही दम लेंगे। सबसे पहले लक्सर के विधायक संजय गुप्ता ने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर अपने चुनाव में हार की साजिश रचने का आरोप लगाकर भाजपा में हलचल मचा दी थी। गुप्ता के बाद काशीपुर विधायक चीमा ने अपने पुत्र त्रिलोक सिंह चीमा के चुनाव भाजपा के कार्यकर्ताओं पर ही भीतरघात के आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग की थी। चीमा के बाद चम्पावत विधायक गहतोड़ी ने भी इसी तरह के आरोप लगाकर भाजपा को असहज करने का काम किया था। इन तीनों के बाद अब यमनोत्री से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले केदार सिंह रावत ने भितरघात का आरोप लगाया है। मतदान के बाद चंपावत से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े विधायक कैलाश गहतोड़ी ने भितरघात होने की बात कही। उन्होंने संगठन के कुछ लोगों पर भाजपा के बजाय अन्य दलों के प्रत्याशियों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने इस संबंध में प्रमाण के साथ पार्टी नेतृत्व में शिकायत दर्ज कराने की भी बात कही । वहीं काशीपुर विधायक हरभजन सिंह चीमा ने भी भितरघात की बात कही है। उन्होंने कहा कि काशीपुर में मतदान घटने का एक कारण कुछ भाजपा के धोखेबाजों का दुष्प्रचार रहा। चीमा ने बाकायदा अपने कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता ये आरोप लगाए थे। हालांकि चीमा ने दुष्प्रचार करने वालों के नाम नहीं बताए। इतना कहा कि पार्टी हाईकमान उनके नाम जानती है। कुछ दिन पहले भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भितरघात की शिकायतों से उठे विवाद पर प्रदेश संगठन से रिपोर्ट तलब की। प्रदेश महामंत्री संगठन से इस संबंध में पूरा ब्योरा देने को कहा गया। वहीं चुनाव लड़े सभी प्रत्याशियों को साथ ही हिदायत भी दी गई कि वे किसी भी तरह की शिकायत केवल पार्टी फोरम पर करेंगे। सभी को मीडिया में बयानबाजी न करने को कहा गया। इसके बावजूद भी अब केदार सिंह रावत का भीतरघात को लेकर पीड़ा सामने आई है।

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