आरआईएमसी अब तक देश को दे चुका है 6 सेनाध्यक्ष
देहरादून। राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (आरआईएमएसी) देहरादून के शताब्दी वर्ष समारोह का शुभारंभ प्रदेश के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने बतौर अध्यक्ष किया। आरआईएमसी के छात्रों ने इस मौके पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। एकेडमिक ईयर में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को राज्यपाल ने सम्मानित भी किया। इस दौरान आरआईएमसी की स्मारिका का विमोचन भी किया गया।
समारोह में मुख्य अतिथि के पहुंचने पर आरआईएमसी के कमांडेंट कर्नल अजय कुमार की ओर से उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। इसके बाद कैडेटों ने राज्यपाल के सामने एक शानदार गार्ड ऑफ ऑनर प्रस्तुत किया।
इस मौके पर पूर्व वायुसेना प्रमुख बीएफ धनवा, आरआईएमसी के कमांडर अजय कुमार व आरआईएमएसी से जुड़े कई पुराने छात्र भी मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि देहरादून स्थित राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज (आरआईएमसी) ने रविवार को अपने गौरवशाली 100 वर्ष पूरे कर लिये है। आरआईएमसी भारतीय उपमहाद्वीप का पहला सैन्य प्रशिक्षण संस्थान है, जिसका उद्घाटन 13 मार्च 1922 को तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स (किंग एडवर्ड अष्टम) ने किया था। आरआईएमसी प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी एझिमाला के लिए प्रमुख फीडर संस्थान है। संस्थान देश को अब तक छह सेना प्रमुख, 41 सेना कमांडर और समकक्ष समेत 163 लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के सैन्य अधिकारी दे चुका है। इस समारोह में कैडेटों की ओर से आरआईएमसी में बड़े होने के अपने अनुभवों के बारे में लिखी गई पुस्तक ‘बाल-विवेक’ और कॉलेज के पूर्व कैडेटों की ओर से लिखत पुस्तक ‘वैलर एंड विस्डम’ का भी विमोचन किया गया जिसमें राष्ट्र निर्माण में पूर्व छात्रें के योगदान को उजागर किया है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि की ओर से एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया गया।