तीर्थनगरी ऋषिकेश में होली के रंग योग के साथ दिखाई दी रंग
भारत सहित कई अन्य देशों के लोगों ने खूब खेला होली
ऋषिकेश। तीर्थनगरी ऋषिकेश में होली के रंग योग के साथ दिखाई दिए। यहां परमार्थ निकेतन में विश्व शांति यज्ञ और प्रार्थना के साथ योगोत्सव काउंटडाउन प्रोग्राम और होली पर्व शुरू हुआ। इस मौके पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि योग केवल आसनों का समूह मात्र नहीं है, बल्कि संपूर्ण जीवन पद्धति है।
ब्राजील, फ्रांस, इजराइल, न्यूजीलैंड, नीदरलैंड, नेपाल, संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको और भारत सहित कई अन्य देशों से आये योग प्रेमी, साधक कार्यक्रम में शामिल हुए। आयुष मंत्रालय, भारत सरकार और मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के सहयोग से परमार्थ निकेतन की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस – 2022 तक 100 दिनों का काउंटडाउन, सौ दिन, सौ शहर और सौ संगठन कार्यक्रम में सहभाग किया। गंगा आरती पर स्वामी चिदानंद सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती के सान्निध्य में एक और विशेष योग सत्र का आयोजन किया गया। जिसे वैश्विक स्तर पर और मंत्रालय के प्लेटफार्मों पर लाइवस्ट्रीम किया गया था। इस दौरान परमार्थ परिसर में देश विदेश से पहुंचे साधकों के साथ इको फ्रेंडली होली का आयोजन भी किया गया।
ऋषिकेश नगर तथा ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत जगह-जगह होली मिलन कार्यक्रम आयोजित किए गए। छिद्दरवाला के आडवाणी धर्मशाला में आयोजित होली मिलन कार्यक्रम में ग्रामीणों ने जमकर होली मनाई। विभिन्न टोलियों एवं महिला मंगल दल के सदस्यों ने पारंपरिक होली के गीतों के साथ समा बांधा। आम आदमी पार्टी के कार्यालय में आयोजित होली मिलन कार्यक्रम में डा. राजे ङ्क्षसह नेगी ने बताया कि होली मिलन समारोह के साथ-साथ पंजाब में मिली एतिहासिक जीत पर भी पार्टी जश्न मना रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पार्टी बड़ी मजबूती के साथ लड़ी, प्रदेश में मिली हार की समीक्षा कर मजबूत संगठन तैयार किया जायेगा। आप नेता नेगी ने ऋषिकेश की जनता का आभार व्यक्त करते हुए सभी को होली की शुभकामनाएं भी दी। ऋषिकेश के ग्रामीण क्षेत्र में महिला सहायता समूह की ओर से हर्बल होली को बढ़ावा दिया जा रहा है। समूह की ओर से 60 किलो गुलाल तैयार किया गया है। जिसमें चुकंदर,पालक, गुलाब और गेंदे की पंखुड़ियों का प्रयोग किया गया है। बड़ी संख्या में लोग यह हर्बल रंग खरीद रहे हैं। होली के पावन पर्व पर श्री दुर्गा शक्ति स्वयं सहायता समूह ने होली के हर्बल रंग बनाए हैं। जिसमें पालक चुकंदर गेंदे का फूल और गुलाब की पंखुड़ियों का इस्तेमाल कर रंग बनाए गए हैं।