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केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने देशवासियों को किया आश्वस्त, कहा- चीनी साइबर अटैक रोकने में सक्षम है भारत

नई दिल्ली। पूर्व में देश के पावर सिस्टम पर चीन की तरफ से साइबर अटैक किए जाने की खबरों पर भारत सरकार ने कहा है कि उसके पास वह पूरी सुरक्षा व्यवस्था है जिससे बिजली सेक्टर की ही नहीं बल्कि किसी भी दूसरे महत्वपूर्ण ढांचागत सुविधाओं को बचाया जा सकता है। गुरुवार को केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह के साथ ही विदेश मंत्रालय ने भी इस बारे में देशवासियों को आश्वस्त किया है। यह आश्वासन साइबर हमलों की निगरानी करने वाली एक निजी एजेंसी रिकार्डेड फ्यूचर की इस रिपोर्ट के बाद आई है जिसमें दावा किया गया है कि चीन के हैकरों ने भारत के कई राज्यों में बिजली आपूर्ति को ठप करने के लिए साइबर अटैक किया था। इस हमले में चीन के कुछ सरकारी विभागों का हाथ होने की बात भी कही गई है। चीन के विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद ठहराया है। बिजली मंत्री ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था पहले से काम कर रही है और इसे लगातार मजबूत बनाने की भी कोशिश हो रही है। हम इसकी मजबूती को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं। वर्ष 2018 में ही कुछ संदेहास्पद साइबर हमले की सूचना मिली थी और उसके खिलाफ पर्याप्त प्रबंध किया गया था।
आर के सिंह ने कहा कि देश में बिजली की कोई समस्या नहीं है। राज्यों की मांग के मुताबिक उन्हें बिजली दी जा रही है। समस्या सिर्फ यह है कि राज्यों के पास बिजली खरीदने के लिए पैसा होना चाहिए। जो राज्य जितनी चाहिए उतनी बिजली खरीद सकते हैं। लेकिन अगर राज्यों के पास पैसा ही नहीं है तो इसमें बिजली मंत्रालय कुछ नहीं कर सकता। देश में बिजली की मांग बढ़ रही है जो एक शुभ संकेत है कि इकोनमी में भी सुधार हो रहा है। हमें पूरा भरोसा है कि बिजली की मांग जितनी भी बढ़ेगी उतनी आपूर्ति करने में सफल रहेंगे। इसके पहले स्वच्छ ऊर्जा पर बैठक को संबोधित करते हुए ¨सह ने कहा कि समुद्र तट से दूर विंड इनर्जी प्लांट लगाने के लिए सरकार पहली बार निविदा जारी करेगी। पहले चरण में दो हजार मेगावाट बिजली का प्लांट लगाने की योजना है।

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