उत्तराखण्ड

केंद्रीय मंत्री प्रधान के सामने डाॅ. धन सिंह ने पेश किया उत्तराखण्ड की शिक्षा व्यवस्था का रोड़मैप

  • प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू करने को लेकर प्रधान से हुई विस्तार से चर्चा
  • केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने शिक्षा विभाग को दिये पंचवर्षीय योजना तैयार करने के निर्देश
  • दून प्रवास पर आये केन्द्रीय मंत्री का प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने किया स्वागत

देहरादून। सूबे में शिक्षा एवं कौशल विकास को बढ़ावा देने, राज्य में नई शिक्षा नीति लागू करने सहित अन्य कई मुद्दों पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के साथ विस्तार से चर्चा की। प्रदेश में विद्यालयी एवं उच्च शिक्षा विभाग के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं की प्रगति से भी केन्द्रीय शिक्षा मंत्री को अवगत कराया। सूबे में शिक्षा एवं कौशल विकास के लिए केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पंचवर्षीय योजना तैयार कर प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजने के निर्देश दिये।
सूबे के सहकारिता, विद्यालयी शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, उच्च शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने शनिवार को विद्यालयी एवं उच्च शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ ओएनजीसी सभागार में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से शिष्टाचार भेंट कर उनका देहरादून आने पर स्वागत किया। डॉ. रावत ने कहा कि सूबे में नौनिहालों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने, कौशल विकास को बढ़ावा देने, राज्य में नई शिक्षा नीति को लागू करने सहित अन्य कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री से विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने कहा कि राज्य में प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर पर भौतिक संसाधनों कमी, माध्यमिक स्तर पर व्यावसायिक पाठ्यक्रम का संचालन करने, स्मार्ट क्लास रूम स्थापित करने, विद्यालयों में स्मार्ट टीवी उपलब्ध कराने, अंग्रेजी भाषा एवं कम्प्यूटर के अध्यापकों की नियुक्ति करने, नवोदय के भवनों का निर्माण करने, प्रत्येक विकासखण्ड में आवासीय विद्यालय खोलने, नई शिक्षा नीति के अनुरूप विद्यालयों में बालवाटिका स्थापित करने की मांग केन्द्रीय शिक्षा मंत्री से की। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार को उपलब्ध कराये गये 35 केन्द्रीय विद्यालय एवं 09 सैनिक स्कूलों के प्रस्ताव पर शीघ्र सहमति प्रदान करने का अनुरोध भी केन्द्रीय शिक्षा मंत्री से किया गया। इसी तरह उच्च शिक्षा से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं को केन्द्रीय मंत्री के समक्ष रखते हुये नई शिक्षा नीति को लागू करने, एनईपी के अनुरूप कौशल विकास एवं रोजगारपरक पाठ्यक्रम तैयार करने, आईआईएम एवं आईआईटी से शिक्षण संस्थानों को लिंकेज करने, विश्वविद्यालयों को मजबूत करने की बात कही। डॉ. रावत ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को और सुद्ढ़ बनाने के लिए विद्यालयी शिक्षा एवं उच्च विभाग के उच्चाधिकारियों को प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा स्तर पर पंचवर्षीय योजना तैयार कर प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजने को कहा। साथ ही उन्होंने माह जून में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित करने की बात कही, जिसमें केन्द्र सरकार के सचिव भी उपस्थित रहेंगे। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ बेहद उपयोगी और सार्थक बातचीत हुई है। आने वाले दिनों में प्रदेश की उच्च शिक्षा और मजबूत होगी। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव विद्यालयी शिक्षा आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव उच्च शिक्षा दीपेन्द्र चैधरी, अपर सचिव विद्यालयी शिक्षा दीप्ति सिंह, महानिदेशक माध्यमिक शिक्षा बंशीधर तिवारी, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. एएस उनियाल, सलाहकार रूसा प्रो. एमएसएम रावत, प्रो. केडी पुरोहित सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button