जम्मू के सुंजवां में सुरक्षाबलों ने जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकी किए ढेर, एक जवान बलिदान-पांच घायल
मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद
जम्मू। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जम्मू आगमन से दो दिन पूर्व जम्मू के सुंजवां इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो चुकी है। इस मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के दो आतंकी ढेर कर दिए गए हैं। एक जवान भी बलिदान हो गया है जबकि पांच जवान घायल हो गए हैं।
सुंजवां में जारी मुठभेड़ के उपरांत जम्मू शहर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। शहर के भीतरी एवं बाहरी क्षेत्रों में स्थित नाकों से हर गुजरने वाले वाहनों की तलाशी ली जा रही है। सुंजवां में जारी मुठभेड़ में सीआइएस के एक एएसआइ एसपी पाटिल बलिदान हो गए हैं। मुठभेड़ में पांच घायल जवानों को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है। इनकी पहचान हैड कांस्टेबल बलराज सिंह पुत्र संसार सिंह निवासी बलोट कठुआ, एसपीओ साहिल शमा पुत्र रोमेश चंद्र निवासी ज्यौड़ियां अखनूर, हैड कांस्टेबल प्रमोद पात्रा पुत्र लक्ष्मी धर पात्रा निवासी ओडिशा, सीआइएसएफ का कांस्टेबल आमिर सोरना पुत्र सुशील सोरान निवासी असम और सीआइएसएफ कांस्टेबल बिट्टल के रूप में हुई है। सुरक्षा कारणों के मद्देनजर सुंजवां क्षेत्र में मोबाइल इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है। सुंजवां और बठिंडी के आसपास के इलाकों में स्थित स्कूलों को भी बंद करवा दिया गया है। जानकारी के अनुसार, शुक्रवार तड़के सुंजवां के जलालाबाद इलाके में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली। इसके उपरांत तलाशी अभियान के दौरान एक जगह पर छिपे आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई से पहले सुरक्षाबलों ने आतंकियों को आत्मसमर्पण करने की चेतावनी दी लेकिन आतंकियों ने इसे अनसुना कर दिया और फायरिंग जारी रखी। सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए आतंकियों को ढेर कर दिया है जबकि अधिकारिक रूप से अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की गई है। चूंकि आगामी 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जम्मू दौरा भी है। इसी को मद्देनजर रखते हुए पहले से ही प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था हाई अलर्ट पर है। सघ्ुंजवा में 10 फरवरी 2018 को भी सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच एक मुठभेड हुई थी। इस मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया था। उस समय आतंकियों ने सुंजवां में आर्मी कैंप में घुसकर अचानक हमला कर दिया था। इस मुठभेड़ में छह जवान बलिदान हो गए थे जबकि एक नागरिक भी मारा गया था।