पंजाब में किसानों ने दिल्ली जैसा आंदोलन चंडीगढ़-मोहाली बार्डर पर शुरू किया
चंडीगढ़। पंजाब के किसानों ने भगवंत मान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 23 किसान संघठनों ने अपनी मांग मनवाने के लिए मंगलवार की चंडीगढ़ की ओर कूच किया मगर पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस बीच किसानों ने राज्य सरकार के खिलाफ वहीं धरना शुरू कर दिया।
पुलिस ने किसानों को चंडीगढ़ में प्रवेश करने के दौरान ही रोक दिया है। जिसके बाद किसानों द्वारा चंडीगढ़-मोहाली बार्डर पर धरने शुरू कर दिया गया। धरने पर बैठे एक किसान ने कहा कि उनकी 11 मांगे पूरी होने तक विरोध जारी रहेगा।
भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि हमने दिल्ली की तरह एक श्मोर्चाश् शुरू किया है और तब तक जारी रहेगा जब तक कि गेहूं के लिए बोनस देने सहित हमारी विभिन्न मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, जिस पर सीएम ने पहले सहमति व्यक्त की थी। अगर सरकार चाहती है कि हम चावल नहीं करें तो अन्य फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा की जानी चाहिए।
एक प्रदर्शनकारी किसान ने दावा किया कि किसानों ने गेहूं के लिए 500 रुपये बोनस की मांग की, जिस पर मुख्यमंत्री ने सहमति व्यक्त की, लेकिन अधिसूचना जारी नहीं की। हम बासमती, मूंग पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए अधिसूचना की भी मांग करते हैं। किसानों ने आगे कहा कि बिजली प्रीपेड मीटर नहीं लगाए जाने चाहिए। हम करेंगे जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक चंडीगढ़ जाइए और दिल्ली जैसा मोर्चा बनाएंगे।
इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों के आंदोलन को ‘अनुचित’ और ‘अवांछनीय’ बताया और किसान संघों को नारेबाजी बंद करने और पंजाब में घटते जल स्तर की जांच के लिए राज्य सरकार के साथ हाथ मिलाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह एक किसान के बेटे हैं और यह अच्छी तरह से जानते हैं कि किसानों को क्या चाहिए और 10 जून से 18 जून के बीच के अंतर से पूरी तरह वाकिफ हैं।