तीसरी, पांचवीं और आठवीं की हो सकती है बोर्ड जैसी परीक्षा
इससे छात्रों की प्रगति और उनके रुझानों को किया जा सकेगा ट्रैक
नई दिल्ली। स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूती देने सहित छात्रों की प्रतिभा को प्रत्येक स्तर पर आंकने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही कुछ और बड़े कदम उठा सकती है। इसके तहत तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा की परीक्षाएं भी दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं जैसी आयोजित की जा सकती हैं। फिलहाल यह बोर्ड परीक्षा नहीं होगी, बल्कि उसके जैसी होगी। इनका आयोजन भी क्षेत्रीय स्तर पर किसी उपयुक्त प्राधिकरण की देखरेख में होगा। केंद्र राज्यों के साथ व्यापक चर्चा शुरू कर चुका है।
कई राज्यों में पहले भी पांचवीं व आठवीं के स्तर पर ऐसी परीक्षाएं आयोजित होती थीं। हालांकि, वर्ष 2009 में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून आने के बाद यह व्यवस्था बंद हो गई, क्योंकि इस कानून के तहत आठवीं तक किसी छात्र को फेल नहीं किया जा सकता था। इस बीच कई राज्यों ने शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूती देने के लिए पांचवीं और आठवीं की परीक्षाओं को फिर से शुरू करने की पहल की है। राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने इसे शुरू भी कर दिया है। लेकिन तीसरी के स्तर पर अब तक इसे कहीं नहीं अपनाया गया है।
शिक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूती देने की इस पहल के तहत नए कदम की तैयारी है। इसमें पांचवीं, आठवीं के साथ ही अब तीसरी कक्षा की परीक्षा को भी बोर्ड परीक्षाओं की तर्ज पर आयोजित कराने की पूरी योजना बन गई है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी इसे लेकर सिफारिश की गई है। इसमें कहा गया है कि स्कूलों में छात्रों को रटकर याद कराने के बजाय उन्हें वास्तविक ज्ञान दिया जाए। साथ ही उन्हें कौशल विकास से भी जोड़ा जाए। यही वजह है कि शिक्षा मंत्रालय अब दसवीं, बारहवीं के अलावा निचले स्तर पर भी शिक्षा का एक मानक तय करना चाहता है।
शिक्षा मंत्रालय ने इस पहल को शैक्षणिक सत्र 2022-23 से ही आयोजित करने की योजना बनाई है। इस पर अंतिम फैसला राज्यों की सहमति के बाद ही होगा। योजना के तहत स्कूली स्तर पर होने वाली परीक्षा वार्षिक परीक्षा की तरह ही होगी, लेकिन इसका आयोजन क्षेत्रीय स्तर पर किसी एक प्राधिकरण की मदद से किया जाएगा, ताकि निष्पक्षता भी बनी रहे है। सरकार ने इस योजना पर काम तब शुरू किया है, जब स्कूली शिक्षा के ढांचे को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप स्वरूप दे दिया गया है। इसमें स्कूली शिक्षा 10 प्लस 2 के पैटर्न की जगह 5 प्लस 3 प्लस 3 प्लस 4 हो गई है। इसमें प्ले स्कूल को भी शामिल किया गया है। अभी प्ले स्कूल स्कूली शिक्षा का हिस्सा नहीं था।