राष्ट्रीय

राज्यों में जुटाई जाएगी बुजुर्गों से जुड़ी सारी सुविधाएं, केंद्र ने मांगा प्लान

बुजुर्गों की बढ़ती संख्या को देख केंद्र ने उठाया कदम
नई दिल्ली। देश में बुजुर्गों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्यों को अब बुजुर्गों से जुड़ी सभी जरूरी सुविधाओं को निचले स्तर तक जुटाना ही होगा। केंद्र सरकार ने इस दिशा में बड़ी मुहिम शुरू की है, जिसमें सभी राज्यों से बुजुर्गों से जुड़ी सुविधाओं को जुटाने का प्लान मांगा है। इनमें बुजुर्गों के स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाओं को प्राथमिकता से रखने को कहा गया है।
फिलहाल केंद्र ने सभी राज्यों से वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए इस प्लान को अगस्त 2022 तक आनलाइन माध्यम से भेजने को कहा है। केंद्र में बुजुर्गों से जुड़ी सुविधाओं को जुटाने के लिए काम कर रहे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने वैसे तो यह मुहिम वर्ष 2036 को लक्ष्य करके शुरू की है, जब देश में बुजुर्गों की संख्या लगभग 23 करोड़ होगी, जो देश की कुल आबादी का करीब 15 फीसद होगी।
यही वजह है कि सभी राज्यों को साथ लेकर योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ने की पहल की गई है। मंत्रालय के मुताबिक इस लेकर जो योजना बनाई गई है, उसमें सभी राज्यों को बुजुर्गों से जुड़ी सुविधाओं को जुटाने के लिए एक सालाना प्लान देना होगा। इस बीच राज्यों से जिन बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है, उनमें मौजूदा समय में संचालित मोबाइल मेडिकल केयर यूनिट का ब्यौरा व फिजियोथैरेपी क्लीनिक की संख्या शामिल है।
इसके साथ ही मौजूदा समय में राज्य में बुजुर्गों को मेडिकल से जुड़ी सहायता मुहैया कराने वाले प्रशिक्षित विशेषज्ञों की संख्या आदि की जानकारी देनी है। इन सुविधाओं पर खर्च का ब्यौरा भी मांगा गया है। माना जा रहा है कि राज्यों में बुजुर्गों की मौजूदा संख्या और सुविधाओं के आधार पर यहां सुविधाओं के विस्तार का एक खाका तैयार किया जाएगा। इस बीच राज्यों की ओर से बुजुर्गों की देख रेख से जुड़ी संचालित योजनाओं और उन पर खर्च होने वाली राशि का ब्यौरा भी मांगा गया है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार मौजूदा समय में सभी जिलों में बुजुर्गों के लिए वृद्धाश्रम बनाने की भी एक अहम योजना पर काम कर रहा है। जिसके तहत आने वाले दिनों में सभी जिले में कम से कम एक वृद्धाश्रम बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें मेडिकल सुविधाएं भी मौजूद होगी। मौजूदा समय में देश में बुजुर्गों की संख्या करीब 14 करोड़ है। जो कुल जनसंख्या का करीब 10 फीसद होगी।

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