राष्ट्रीय

चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पाक सीमा से पूर्वाेत्तर भेजी गई भारतीय सेना की 6 डिवीजन

नई दिल्ली। देश की उत्तरी सीमा पर चीन की तरफ से किसी भी तरह के दुस्साहस का दोगुनी मजबूती के साथ जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने पूरा बंदोबस्त किया है। चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सेना ने अपनी अतिरिक्त छह डिवीजन तैनात की हैं, एक डिवीजन में लगभग 18 हजार जवान होते हैं। इसके लिए सैनिकों को कुछ दूसरे अहम मोर्चाे से बुलाया गया है, खासकर ऐसे सैनिकों को जिन्हें पहाड़ी क्षेत्रों में दुश्मन के मंसूबों को नाकाम करने में महारत हासिल है। इनमें लद्दाख में पाकिस्तान के मोर्चे पर तैनात जवानों से लेकर पूर्वाेत्तर में आतंकवाद रोधी अभियानों में जुटे सैनिक शामिल हैं।
नए सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने हाल ही में एलएसी पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की थी। पिछले दो साल से चीन के साथ सैन्य तनाव बना हुआ है। इसकी शुरुआत चीन ने की थी, जब उसने मनमाने तरीके से एलएसी पर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की थी। भारतीय सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसी क्रम में जून 2020 में पूर्वी लद्दाख में गलवन घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान बलिदान हो गए थे। चीन को भी इससे दोगुना नुकसान उठाना पड़ा था, लेकिन उसने आज तक मारे गए अपने सैनिकों की सही संख्या नहीं बताई।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि देश की सीमाओं पर खतरे के अनुपात में सैनिकों की तैनाती में बदलाव किया जा रहा है। चीन की तरफ से बढ़े खतरे को देखते हुए उत्तरी सीमा पर ज्यादा सैनिक तैनात किए जा रहे हैं। इसी तरह पाकिस्तान की सीमा के साथ ही पूर्वाेत्तर में आतंकरोधी अभियान में तैनाती में भी बदलाव किया जा रहा है। उत्तरी सीमा पर जो छह डिवीजन तैनात की गई हैं, इनमें से तीन पाकिस्तान की सीमा पर तैनात थीं।सूत्रों ने बताया कि पिछले दो साल से जारी तनाव को देखते हुए आतंक रोधी अभियान से हटाकर सेना की दो डिवीजन (लगभग 35,000 जवान) को चीन की सीमा पर तैनात किया गया है। राष्ट्रीय राइफल्स की एक डिवीजन को जम्मू-कश्मीर में आतंकरोधी अभियान से हटाकर पूर्वी लद्दाख सेक्टर में तैनात किया गया है। पहले से ही इस सेक्टर में तीन डिवीजन तैनात हैं। इसी तरह असम, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड से भी सेना की डिवीजनों को हटाकर उत्तरी कमान में तैनात किया गया है। इनमें 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर, स्ट्राइक कोर जैसी डिवीजन शामिल हैं। असम में आतंकी रोधी अभियान में अब सेना की कोई डिवीजन नहीं लगी है। चीन की सीमा पर सामान्य तैनाती के अलावा 50 हजार से ज्यादा अतिरिक्त जवान तैनात किए गए हैं।

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