असम में बुलडोजर पर गरमाई सियासत; विपक्ष ने बताई बदले की कार्रवाई
भाजपा का आरोप- जिहादियों ने जलाया थाना
गुवाहाटी। असम में विपक्षी दल ने पुलिस थाने जलाने के आरोपित ग्रामीणों के मकानों पर बुलडोजर चलवाने को भाजपा की बदले की कार्रवाई करार दिया है। दूसरी ओर, सत्तारूढ़ भाजपा ने प्रशासनिक कार्रवाई का बचाव करते हुए आरोप लगाया कि बटाद्रव पुलिस थाने में आग लगाने का काम जिहादियों का था। राज्य में इस मामले को लेकर अब राजनीति गरमा गई है।
असम कांग्रेस ने कार्यकारी अध्यक्ष राणा गोस्वामी के नेतृत्व में एक सात सदस्यीय कमेटी बनाई है जो बटाद्रव जाकर हालात का जायजा लेगी। इस कमेटी में बटाद्रव के विधायक सिबामोनी बोरा भी शामिल हैं। वह वहां के लोगों से इस घटना के मूल कारणों का पता करेंगे और दो दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट देंगे। पार्टी ने बयान जारी करके कहा कि यह जानकर स्तब्ध हूं कि कई स्थानीय लोगों के घरों पर बुलडोजर चला दिया गया।
इसी तरह असम तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने कहा कि पुलिस स्टेशन में आगजनी होना चिंता का विषय है। इसका मतलब है कि लोगों का कानून से विश्वास हट गया है। वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा है कि पुलिस स्टेशन पर हमला एक संगठित आतंकी वारदात थी और इसे करने वाले प्रशिक्षित जिहादी थे।
भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता रंजीव कुमार सरमा ने कहा कि बांग्लादेशी मुस्लिम अराजक तत्वों को पीएफआइ कैंपों में प्रशिक्षित किया जा रहा है। पार्टी ने अवैध अतिक्रमण हटाने का स्वागत किया है। असम के नागांव जिले के बटाद्रव पुलिस स्टेशन में एक अल्पसंख्यक की हिरासत में मौत के आरोप में उग्र भीड़ के थाने को जलाने के मामले में स्थानीय लोगों को हिरासत में लिया गया है।
जिला प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत विगत सैफीकुल इस्लाम के गांव सलनाबोरी स्थित आरोपितों के घर पर बुलडोजर चलवा दिया है। प्रशासन का उसके कुछ रिश्तेदारों समेत कई अन्य लोगों पर आरोप है कि उन लोगों ने अवैध कब्जा करके घर बनाया है और जमीन के दस्तावेज भी नकली बनवा लिए हैं।