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ममता सरकार ने एमएसओ, केबल आपरेटरों को दिए निर्देश,सनसनीखेज और सांप्रदायिक खबरों से बचने की दी गई सलाह

कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में सभी मल्टी-सिस्टम आपरेटरों (एमएसओ) और केबल आपरेटरों के लिए एक परामर्श जारी किया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, श्कई सैटेलाइट टीवी चैनल द्वारा समाचारों और घटनाओं को इस तरह से प्रसारित किया जा रहा है, जिसकी वजह से भ्रामक, सनसनीखेज और सांप्रदायिक स्वर उठ रहे हैं। परिणाम स्वरूप राज्य में शांति भंग होने की संभावना है।
राज्य सरकार ने टीवी नेटवर्क प्रदाताओं को किसी भी संवेदनशील समाचारों को प्रसारित करने से बचने की सलाह दी है। बयान में कहा गया है, श्ऐसी किसी भी सामग्री को प्रसारित करने से तुरंत बचना चाहिए जो उपर्युक्त केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम, 1995 का उल्लंघन करती है।
बता दें कि बंगाल में आज पांचवें दिन भी यानी सोमवार को भी हिंसक प्रदर्शन जारी है। भाजपा के निलंबित प्रवक्घ्ता नुपूर शर्मा और नवीन जिंदल के पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्घ्पणी के बाद बंगाल में हिंसा और आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रही। शुक्रवार और शनिवार को हावड़ा और मुर्शिदाबाद में भारी हिंसा हुई थी। इसके बाद गत रविवार को नदिया जिला के बथुआधारी में उपद्रवियों ने रेलवे स्घ्टेशन पर जमकर उत्घ्पात मचाया। रेलवे की संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया और वहां ट्रेनों को भी निशाना बनाया गया।
दक्षिण में 24 परगना के बारासात और हसनाबाद में सुबह छिटपुट हिंसा की खबर है। प्रदर्शनकारियों ने बारासात के काजीपाड़ा में रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया। इससे सियालदह-हसनाबाद के बीच रेल सेवा बाधित रही। हिंसाग्रस्घ्त इलाके में धारा 144 प्रभावी है। आज सुबह सिर्फ हावड़ा में इंटरनेट सेवा शुरू की गई है।
वहीं, बंगाल में मुस्लिम धार्मिक नेताओं के एक संघ ने समुदाय के लोगों से निहित स्वार्थों के जाल में न फंसने और हिंसा से दूर रहने की अपील की है। बंगाल इमाम संघ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो पूर्व पदाधिकारियों की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणियों को लेकर राज्य में किसी और रैली या प्रदर्शन की अनुमति न देने का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से आग्रह भी किया है।

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