भारत को हजार जख्म देकर लहूलुहान कर देना चाहता है पाकिस्तान, बोले राजनाथ
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान की चाल है कि वो भारत को जख्म पहुंचाना चाहता है, लेकिन हमारे वीर जवान देश की बाढ़ के वो तार हैं, जिससे पाकिस्तान खुद-ब-खुद जख्मी हो जाता है। वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि भारत से रिश्ते खत्म करना देशहित (पाकिस्तान) में नहीं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान पहले ही अलग-थलग है।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को श्रीनगर एयरपोर्ट पर पहुंचे। सिंह जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे आए हैं। पहले दिन 16 जून को वे कश्मीर में अग्रिम इलाकों में जाकर एलओसी पर सुरक्षा तैयारियों का जायजा लिया। साथ ही घाटी में सुरक्षा हालात की समग्र समीक्षा की।
उन्होंने कहा, ‘सशस्त्र और सुरक्षा बलों के कर्मियों के अथक प्रयासों के कारण हाल ही में राज्य में आतंकवादी गतिविधियों की संख्या में गिरावट आई है। हालांकि, पाकिस्तान लगातार अपने दृष्टिकोण के माध्यम से देश में शांति भंग करने की कोशिश करता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान की यह चाल है कि वह भारत को जख्म पहुंचाना चाहता है। वीर जवानों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि आप देश की बाड़ के वो तार हो जिससे पाकिस्तान खुद-ब-खुद ही जख्मी हो जाता है। राजनाथ ने जवानों से कहा कि पूरा देश आप पर भरोसा करता है, क्योंकि वे जानते हैं कि आप किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं।
सिंह ने कहा, ‘भारत ने कभी किसी देश को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की और न ही हमने किसी की एक इंच भी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की। मंत्रालय के बयान के मुताबिक, “अगर कभी भी देश की एकता और अखंडता को ठेस पहुंचाने की कोशिश की जाती है, तो सशस्त्र बल इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे।”
मंत्रालय ने कहा कि उन्हें नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम समझौते, क्षेत्र की किलेबंदी पर विकास कार्यों, घुसपैठ रोधी ग्रिड, परिचालन तैयारियों और सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना-नागरिक संबंधों के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें एलओसी और भीतरी इलाकों में मौजूद “समग्र सुरक्षा स्थिति” और अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा उपायों के बारे में भी जानकारी दी गई।
इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गलवान घाटी हिंसा के वीर शहीदों को याद किया। उन्होंने कहा, ‘देश के सम्मान के लिए वीरतापूर्वक लड़ने और 15-16 जून 2020 को अपने प्राणों की आहुति देने वाले गलवान घाटी के वीरों को नमन करता हूं। उनके साहस, बहादुरी और सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।’
बता दें, 15 जून 2020 को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच सैन्य संघर्ष हुआ था। इसके पहले एक मई 2020 को दोनों देशों के सैनिकों के बीच पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी तट पर झड़प हुई थी। गलवान संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे, वहीं, चीन ने यह नहीं बताया था कि उसके कितने सैनिकों की मौत हुई। हालांकि, इसके बाद फरवरी 2021 में चीन ने गलवान घाटी झड़प में मरने वाले अपने चार सैनिकों को मरणोपरांत मेडल देने की घोषणा की। अपुष्ट सूत्रों ने चीनी सैनिकों की मृतक संख्या 50 से ज्यादा बताई थी।