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संकट में ठाकरे सरकार: शिंदे की 30 शिवसेना विधायकों संग बगावत, भाजपा के साथ सरकार बनाने की शर्त

मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में मंगलवार को भूचाल आ गया और शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे ने बगावत करते हुए करीब 32 विधायकों के साथ गुजरात के सूरत में डेरा जमा लिया, जिनमें 30 विधायक शिवसेना और दो विधायक निर्दलीय बताए जा रहे हैं। उनके इस कदम से महाराष्ट्र महाविकास अघाड़ी सरकार संकट में आ गई है। बागी शिंदे क्या चाहते हैं, यह जानने के लिए उद्धव ठाकरे ने मिलिंद नार्वेकर को सूरत भेजा। सूत्रों के मुताबिक, नार्वेकर ने फोन पर शिंदे और उद्धव की बातचीत भी कराई। लेकिन, करीब 20 मिनट चली इस बातचीत में भी बात बनी नहीं। बताया जा रहा है कि शिंदे भाजपा के साथ गठबंधन सरकार बनाने की शर्त पर अड़ गए हैं। इस बातचीत के दौरान एकनाथ शिंदे ने शर्त रखते हुए कहा कि भाजपा के साथ आएं, तभी पार्टी में वापस आऊंगा और पार्टी नहीं टूटेगी। शिंदे के इस शर्त के बाद ठाकरे धर्मसंकट में घिर गए हैं। इससे पहले कई विधायकों को लेकर सूरत पहुंचे एकनाथ शिंदे के खिलाफ उद्धव ठाकरे ने कड़ा ऐक्शन लिया। उन्हें शिवसेना के विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया गया। पार्टी के इस एक्शन के बाद शिंदे ने बयान दिया, जो उनके बागी तेवरों के एकदम उलट था। उन्होंने ट्वीट किया कि हम बालासाहेब के सच्चे शिवसैनिक हैं। बालासाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है। हम सत्ता के लिए कभी भी धोखा नहीं देंगे। उद्धव ठाकरे ने इस मसले पर मंगलवार दोपहर को पार्टी की मीटिंग बुलाई थी। इस दौरान मीटिंग में शिवसेना के 22 विधायक ही शामिल हुए। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना के 35 विधायक बागी हो गए हैं। शिवसेना के कुल 55 विधायक हैं और अगर पार्टी से 27 अलग हो जाते हैं, तो फिर उन पर दल-बदल का कानून लागू नहीं होगा। यानी फिर चुनाव कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी और वे 35 विधायक अगर भाजपा के साथ जाते हैं, तो भाजपा महाराष्ट्र में सरकार बना सकती है, क्योंकि उसे निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ छोटे दलों का भी समर्थन हासिल है। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम के बीच पार्टी या शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे की तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं आया है। महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अभी तक न तो भाजपा की ओर से और न ही एकनाथ शिंदे की ओर से सरकार गठन के संबंध में कोई प्रस्ताव आया है, लेकिन राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है। हमारी जानकारी के अनुसार एकनाथ शिंदे और 35 विधायक जा चुके हैं। इसका मतलब है कि तकनीकी रूप से राज्य सरकार अल्पमत में है, लेकिन व्यावहारिक रूप से सरकार को अल्पमत में होने में कुछ समय लगेगा।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा गुजरात पुलिस ने विधायकों को बंधक बना रखा है। भाजपा के लोग ऑपरेशन लोटस चला रहे हैं। पर यह सफल नहीं होगा। एकनाथ शिंदे जी से बात हुई है और वह हमारे पुराने साथी हैं। हमारा उनके साथ अच्छा रिश्ता रहा है। हमने भाजपा का साथ क्यों छोड़ा, वह सबको पता है जिसमें एकनाथ शिंदे भी शामिल रहे हैं। उधर, राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार को कोई खतरा नहीं है। श्री पवार ने कहा कि शिवसेना के कुछ विधायकों की नाराजगी उनकी पार्टी का आंतरिक मामला है।

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