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शिंदे गुट को सुप्रीम राहत; बागी विधायकों पर डिप्टी स्पीकर की कार्यवाही पर 14 दिन के लिए लगाई रोक

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की सियासी लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में एकनाथ शिंदे गुट को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों पर किसी भी तरह की कार्यवाही पर 14 दिन तक रोक लगा दी है। बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने और डिप्टी स्पीकर नरहरि जरवाल की भूमिका पर सवाल उठाने वाली शिंदे की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने विधायकों को अयोग्य ठहराने वाले डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर जवाब देने के लिए 11 जुलाई तक का वक्त तय किया। अगली सुनवाई भी इसी दिन होगी। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र भवन, डिप्टी स्पीकर, महाराष्ट्र पुलिस, शिवसेना विधायक दल के नेता अजय चौधरी और केंद्र को भी नोटिस भेजा है। कोर्ट ने सभी बागी विधायकों और उनके परिवारों को सुरक्षा मुहैया कराने और यथा स्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है। डिप्टी स्पीकर को अपना जवाब पांच दिन के भीतर पेश करना है। कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट को लेकर कोई अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार करते हुए कहा कि इससे गैरजरूरी दिक्कतें आएंगी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के रोल पर सख्त टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि यदि बागी विधायकों ने उनके ही खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, तो कैसे उन्हें नोटिस जारी किया गया। जस्टिस सूर्यकांत ने सवाल किया कि अपने खिलाफ दायर अर्जी पर कैसे डिप्टी स्पीकर खुद ही जज बन गए। इस पर डिप्टी स्पीकर की ओर से पेश वकील राजीव धवन ने कहा कि उनके खिलाफ जो नोटिस आया था, वह अनवेरिफाइड ई-मेल से भेजा गया था। अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस, शिवसेना विधायक दल के नए नेता अजय चौधरी और चीफ व्हिप बनाए गए सुनील प्रभु को भी नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी किया है और पूछा है कि ऐसे मामलों में आखिर संसद के नियम क्या कहते हैं। अदालत ने सभी पक्षों से पांच दिनों के अंदर नोटिस का जवाब मांगा है। यही नहीं, इन पक्षों की ओर से नोटिस का जवाब मिलने के बाद एकनाथ शिंदे गुट को आदेश दिया गया है कि वह तीन अंदर इस पर प्रत्युत्तर दें। अदालत ने कहा है कि अब अगली सुनवाई 11 जुलाई को गर्मी की छुट्टियों के बाद होगी।

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