उत्तराखंड को 2024 तक क्षय रोग मुक्त राज्य बनाने को टास्क फोर्स का गठन किया जायेगाःडॉ. धन सिंह
आम लोगों तक बेहत्तर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिये एयर एम्बुलेंस सेवा एवं टेलीमेडिसिन कार्यक्रम का विस्तार होगा
देहरादून। उत्तराखंड को वर्ष 2024 तक क्षय रोग मुक्त राज्य बनाने के लिये प्रदेश में टास्क फोर्स का गठन किया जायेगा। जिसमें सरकारी एवं निजी मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञ चिकित्सकों को शामिल किया जायेगा। राज्य के सभी निजी मेडिकल कॉलेज एवं एम्स ऋषिकेश प्रदेश में एक-एक जनपद गोद लेकर इस अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान देंगे। सूबे में एयर एम्बुलेंस सेवा एवं टेलीमेडिसिन कार्यक्रम का और विस्तार किया जायेगा ताकि दूरस्थ क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का बेहत्तर लाभ दिया जा सके। राज्य के सरकारी एवं निजी मेडिकल कॉलेजों में खेलकूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने शुक्रवार को राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में सरकारी एवं निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रबंधन एवं प्राचार्यों के साथ के आयोजित संयुक्त बैठक विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा कर अहम निर्णय लिये। डॉ. रावत ने बताया कि राज्य को वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसको पूरा करने के लिये एम्स ऋषिकेश सहित सभी निजी मेडिकल कॉलेजों का सहयोग लिया जायेगा। इसके लिये मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया जायेगा। जिसमें सूबे के निजी एवं राजकीय मेडिकल कॉलेजों के एक-एक विशेषज्ञ चिकित्सकों को शामिल किया जायेगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिये एम्स ऋषिकेश सहित प्रदेश के सभी निजी मेडिकल कॉलेज एक-एक जनपद गोद लेकर कार्य करेंगे। इसी प्रकार राज्य में कैंसर की जांच एंव उपचार के लिये भी विशेष अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिये सचिव स्वास्थ्य की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कर सभी मेडिकल कॉलेजों के एक-एक कैंसर विशेषज्ञों को बतौर सदस्य नामित किया जायेगा। सूबे के आम लोगों तक बेहत्तर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिये एयर एम्बुलेंस सेवा एवं टेलीमेडिसिन कार्यक्रम का विस्तार किया जायेगा, ताकि गंभीर रोगियों की पहचान कर उन्हें समय रहते एयर एम्बुलेंस से हायर सेंटर पहुंचाया जा सके। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि सूबे के जिला चिकित्सालयों को सभी सुविधाओं एवं चिकित्साकीय उपकरणों से लैस किया जाय ताकि 95 फीसदी मरीजों का उपचार वहीं पर किया जा सके। इसके लिये विभाग की ओर से विषेशज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जा रही है साथ ही पैरामेडिकल स्टॉफ एवं वार्ड ब्वॉय को एम्स ऋषिकेश एवं मेडिकल कॉलेजों में प्रशिक्षिण देने की योजना बना रही है। उन्होने बताया कि मेडिकल छात्रों में खेलकूद एवं सांस्कृतिक भावनाओं का विकास करने के लिये राज्य स्तर पर सरकारी एवं निजी मेडिकल कॉलेजों में खेलकूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का वार्षिक आयोजन किया जायेगा। बैठक में सचिव स्वास्थ्य राधिका झा, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा आशीष श्रीवास्तव, निदेशक एम्स ऋषिकेश डॉ. मीनू सिंह, कुलपति एसजीआरआर विश्वविद्यालय डॉ. यूएस रावत, कुलपति सुभारती विश्वविद्यालय डॉ. यशवर्द्धन, कुलपति स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय डॉ. विजय धस्माना, उप कुलपति डॉ. अशोक देवराडी, प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज डॉ. आशुतोष सयाना, प्राचार्य श्रीनगर मेडिकल कॉलेज डॉ. सीएमएस रावत, कुलसचिव राज्य मेडिकल विश्वविद्यालय डॉ. एमके पंत, रजिष्ट्रार राज्य मेडिकल कॉउंसिल डॉ. डीडी चौधरी सहित सभी निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधि एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।