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बारिश और बाढ़ ने कर दिया बेहाल, इन राज्यों में संभल नहीं रहे हैं हालात

नई दिल्ली। लगातार हो रही बारिश और बाढ़ के चलते विभिन्न राज्यों में हालात भयावह हो चुके हैं। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत विभिन्न जिलों में सोमवार को भी हुई भारी बारिश के चलते यहां मौसम विभाग द्वारा रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है। एमपी के विभिन्न जिलों में सोमवार को स्कूल भी बंद रहे। वहीं हिमाचल प्रदेश के तमाम हिस्सों में तेज बरसात के चलते हुई लैंडस्लाइड की घटनाओं कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं, उड़ीसा और उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर जारी है। वहीं उत्तर प्रदेश में गंगा नदी में आए उफान के चलते वाराणसी और प्रयागराज में तटीय इलाकों में पानी भर गया है।
उड़ीसा
उड़ीसा में बाढ़ के चलते करीब 8 लाख लोगों को अपना घर-बार छोड़कर दूसरी जगह जाना पड़ा है। यहां लगातार हो रही बारिश के चलते बिजली और पानी की सप्लाई बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इसके अलावा सड़कें और दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर भी प्रभावित हुए हैं। आंकड़ों के मुताबिक अभी तक प्रदेश से करीक 120,000 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला जा चुका है। बाढ़ ने सबसे ज्यादा कहर प्रदेश के उत्तरी हिस्से में बरपाया है, जहां सुबर्णरेखा नदी में पानी के बढ़ाव से 100 से ज्यादा गांव टापू बन गए हैं। बालासोर और मयूरभंज जिलों में अफसरों ने निचले इलाकों में बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया है। यहां सुबर्नेखा के अलावा बुधबालांग और जालका नदियों ने भी खूब कहर ढाया है। बालासोर जिला कलेक्टर दत्तात्रेय भाऊसाहब शिंदे ने बताया कि यहां पर करीब 156 गांव और 83 गांव पंचायतें प्रभावित हैं। यहां से सोमवार दोपहर तक 40 हजार से ज्यादा लोगों को निकाला गया था। इन सभी को 227 अस्थायी शेल्टर हाउसों में जगह दी गई है। मौसम विभाग के मुताबिक उत्तरी उड़ीसा में मंगलवार को भी बारिश की भविष्यवाणी है।
हिमाचल प्रदेश
बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हिमाचल प्रदेश में सोमवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 पहुंच गई। इसमें से छह लोगों का अभी तक पता नहीं चल सका है। वहीं इस आपदा में कुल 12 लोग घायल हुए हैं। बाढ़ का सबसे खराब असर मंडी जिले पर पड़ा है। इसके अलावा कांगड़ा और चंबा जिलों पर भी बाढ़ का असर पड़ा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंडी जिले में बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा करने के बाद मृतक आश्रितों को चार लाख रुपए की मदद की घोषणा की। मंडी जिले में एक गांव के मुखिया ने लोगों को लैंडस्लाइड के प्रति आगाह किया, लेकिन वह खुद और अपने परिवार के लोगों की जान नहीं बचा सका।
उत्तराखंड
उत्तराखंड में भी बादल फटने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इसके चलते बाढ़ और लैंडस्लाइड के मामले सामने आए हैं और जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। नदियां उफान पर हैं। कई पुल टूट गए हैं। बाढ़ का पानी लोगों का घरों में घुस गया है। कई गांवों से लोगों को निकालना पड़ा है। वहीं जगह-जगह सड़क पर जबर्दस्त ट्रैफिक दिख रहा है। राज्य के अधिकारियों के मुताबिक टिहरी जिले के गवाद जिले में पांच और देहरादून के रायपुर स्थित मालदेवता में सात लोग और अब भी मिसिंग हैं।
मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में सोमवार को भी भारी बारिश होती रही। यह लगातार तीसरा दिन है जब बारिश ने इस प्रदेश के बेहाल कर रखा है। बारिश के साथ तेज हवाओं ने प्रदेश की राजधानी भोपाल में कई पेड़ों का उखाड़ डाला। इसके अलावा कई इलाकों में बिजली सप्लाई भी बाधित हुई है। भोपाल, नर्मदापुरम, सागर और ग्वालियर में अभी भी बारिश की चेतावनी है। हालांकि कल से बरसात में कुछ कमी दर्ज हो सकती है।
राजस्थान, झारखंड और उत्तर प्रदेश
राजस्थान में पिछले 24 घंटों में हुई तेज बारिश ने कोटा और कुछ अन्य इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। इसके चलते निचले इलाकों में पानी भर गया है। कोटा बैराज से अभी तक करीब 2.76 लाख क्यूसेक पानी निकाला जा चुका है। अभी भी कोटा, झालावाड़, बूंदी, बारां, चित्तौड़गढ़, सवाईमाधोपुर, दौसा और करौली के कई हिस्सों में तेज बारिश हुई है। वहीं झारखंड के कोल्हम डिवीजन में करीब 2500 लोग बाढ़ जैसे हालात से जूझ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में गंगा नदी में लगातार बढ़ते पानी के चलते बनारस के कई घाटों पर पूजा-पाठ और धार्मिक क्रियाकलापों पर असर पड़ा है।

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