राष्ट्रीय

10 सीटों पर गुलाम नबी आजाद दे सकते हैं झटका, नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन की कोशिश में कांग्रेस

श्रीनगर।जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस नए सिरे से चुनाव तैयारियों में जुट गई है। पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन की संभावनाएं तलाश रही है। पार्टी का मानना है कि जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं का सिलसिला अभी कुछ दिन और जारी रह सकता है। पर, इसका पार्टी की संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
जम्मू-कश्मीर से जुड़े पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि नए प्रदेश अध्यक्ष विकास रसूल का नाम गुलाम नबी आजाद ने सुझाया था। ऐसे में नए अध्यक्ष और समितियों को लेकर उनकी नाराजगी बेमानी है। सभी समितियां उनकी राय के बाद बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि आजाद काफी लंबे वक्त से पार्टी छोड़ने का बहाना तलाश कर रहे थे। पार्टी नेता ने यह दावा भी किया कि पिछले तीन वर्षों से आजाद समर्थक कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं ले रहे थे। क्योंकि, वह प्रदेश अध्यक्ष गुलाम मोहम्मद मीर को हटाने की मांग कर रहे थे।यह सवाल किए जाने पर आजाद अलग पार्टी बनाकर चुनाव लड़ते हैं, तो पार्टी को कितनी सीट पर मुश्किल हो सकती है, उन्होंने कहा कि डोडा जिला और घाटी की सात से दस सीटों पर कुछ मुश्किल हो सकती है। क्योंकि, कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस की स्थिति मजबूत है। यह पूछने पर कि क्या पार्टी गठबंधन में चुनाव लड़ेगी, उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने दम पर सत्ता में नहीं पहुंच सकती। इसलिए, नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन कर सकते हैं।
पार्टी ने साफ किया कि जम्मू-कश्मीर में नए प्रदेश अध्यक्ष और दूसरी समितियों के गठन को लेकर आजाद से लगातार संपर्क था। पर, जब तमाम बात मानने के बावजूद उन्होंने चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, तो उसके बाद पार्टी ने कोई संपर्क नहीं किया। उन्हें मनाने की कोशिश नहीं की गई। हालांकि, जब उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देने का ऐलान किया, तो प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल ने उन एसएमएस कर मिलने का वक्त मांगा, इसके जवाब में आजाद ने उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा इस्तीफा भेज दिया।

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