उत्तराखण्ड

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में “बिजनेस मीट“ कार्यक्रम आयोजित

कहा, 22 वर्षों के सफर में उत्तराखण्ड ने इंडस्ट्री फ्रेंडली माहौल किया तैयार
देहरादून। मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में स्वीडन में भारत के राजदूत/उच्चायुक्त तन्मय लाल, ताजिकिस्तान में विराज सिंह, पनामा में उपेन्द्र सिंह रावत, ब्रूनेई में आलोक अमिताभ डिमरी, केन्या में नामग्या खम्पा, अल्जीरिया में गौरव अहलूवालिया और स्लोवेनिया में नम्रता एस. कुमार के साथ “बिजनेस मीट“ कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर शासन के उच्चाधिकारियों के साथ विभिन्न उद्योगों से जुड़े प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग कर अपने विचार रखे। मुख्य सचिव ने 7 देशों के मिशन प्रमुखों का उत्तराखण्ड में स्वागत करते हुए कहा कि यह आयोजन विदेश में भारत के हितों को बढ़ावा दिए जाने के लिए एक महत्त्वपूर्ण प्लेटफार्म साबित होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय राजदूत और उच्चायुक्त इस सम्मेलन के माध्यम से उत्तराखण्ड की ओर से विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड अभी एक नया राज्य है, अपने 22 वर्षों के सफर में उत्तराखण्ड ने इंडस्ट्री फ्रेंडली माहौल तैयार किया है। हम उद्योग को देश में सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध करवा रहे हैं। उत्तराखण्ड की लोकेशन इंडस्ट्री की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण है, जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से काफी करीब है। नए एक्सप्रेस-वे बन जाने के बाद दिल्ली से देहरादून की दूरी मात्र 2 घंटे की हो जायेगी, जो उत्तराखण्ड में पर्यटन और उद्योग की दृष्टि से काफी लाभप्रद होगी। इसके साथ ही, प्रदेश में हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में अत्यधिक संभावनाऐं बढ़ जाएंगी। उन्होंने कहा कि हम हाई एंड टूरिस्ट को भी आकर्षित करने के प्रयास कर रहे हैं। ऋषिकेश विश्वपटल पर इंटरनेशनल योगा कैपिटल के रूप में जाना जाता है, जो वैलनेस की दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता आ रहा है। मुख्य सचिव ने राजदूतों एवं उच्चायुक्तों के माध्यम से इन देशों के व्यापारिक समुदाय को उत्तराखंड में उद्यमियों के साथ सहयोग करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए नियमित संवाद स्थापित किया जाएगा। हम राज्य की प्रगति के लिए एवं निवेशकों को सहयोग प्रदान करने के लिए क्षेत्र-विशिष्ट नीतियां लेकर आ रहे हैं। कुछ नीतियां जो पाइपलाइन में हैं, वे हैं लॉजिस्टिक्स पॉलिसी, सर्विस सेक्टर पॉलिसी, ड्रोन पॉलिसी, डिस्ट्रिक्ट वाइज स्टार्ट-अप स्ट्रैटेजी और ईवी पॉलिसी आदि, ये नीतियां इन सम्बन्धित क्षेत्रों को बढ़ावा देंगी और देश में कारोबारी माहौल में सुधार करेंगी। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड सरकार हर कदम पर निवेशकों को सहयोग प्रदान करने के लिए संकल्पित है।
इस अवसर पर विभिन्न देशों में कार्य कर रहे राजदूतों ने सुझाव दिया कि राज्य के पर्वतीय अंचल के उत्पादों को राज्य की ओर से बढ़ावा दिया जाना चाहिए। राज्य के उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी मेनुफेक्चरिंग,ब्रांडिंग एवं पैकेजिंग की अच्छी व्यवस्था हो। बैठक में सुझाव दिया गया कि उत्तराखंड को योग और वेलनेस टूरिज्म के रूप में वैश्विक स्तर पर तेजी से उभारा जा सकता है। उत्तराखंड योग की भूमि रही है। यहां से प्रशिक्षण लेकर विभिन्न देशों में लोग योग का प्रशिक्षण दे रहे हैं। अधिक से अधिक लोग राज्य में योग का प्रशिक्षण ले सकें, इसकी राज्य में अच्छी व्यवस्था की जा सकती है। राज्य में अपने प्रवास के दौरान, राजदूत एवं हाई कमिश्नर राज्य में निवेश के विभिन्न अवसरों पर चर्चा करेंगे और राज्य से निर्यात को बढ़ावा देंगे। राजदूत आकांक्षी जनपद हरिद्वार का भी दौरा करेंगे, जहां ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) की जानकारी साझा की जाएगी। सचिव उद्योग डॉ. पंकज कुमार पांडे ने सभी विशिष्ट और अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार पर्याप्त बुनियादी ढांचा बनाने और उद्योगों के अनुकूल वातावरण तैयार करने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में उभरते क्षेत्रों में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी में विशेषज्ञों, संगठनों, स्टार्ट-अप्स, उद्योग संघों और निवेशकों की ओर से अपने अनुभव और सुझाव साझा किये जायेंगे। उत्तराखण्ड निवेश गंतव्य और निर्यात में अग्रणी राज्यों में शामिल हो, यह हमारा प्रयास है। उत्तराखण्ड प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है। राज्य पहले से ही जिंक और जिंक उत्पाद, ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट्स, फार्मास्युटिकल उत्पाद, उद्योगों की ओर से उपयोग किए जाने वाले रसायन, प्लास्टिक और प्लास्टिक उत्पाद, सेब, चावल, आम, बाजरा आदि कृषि आदि उत्पादों का निर्यात कर रहा है। सचिव कृषि वी.वी.आर.सी. पुरूषोतम ने राज्य में कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में निवेश की सम्भावनाओं की जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि राज्य में फूड पार्क, एरोमेटिक आयल हर्ब, स्पाइस, हिमालयन गोट मीट, हिमालयन हर्ड चीज, बद्री गाय घी की बड़ी मांग है। महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा ने व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में उद्योगों की स्थिति एवं निवेश से सम्बन्धित संभावनाओं एवं उद्योगों के हित में राज्य सरकार की ओर से किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पर्यटन विकास परिषद पूजा गर्ब्याल ने प्रदेश में पर्यटन से सम्बन्धित गतिविधियों की जानकारी दी। सचिव वित्त आर.मीनाक्षी सुन्दरम ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड निवेश के क्षेत्र में संभावनाओं का प्रदेश है। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्यमियों एवं निवेशकों के सहयोग के लिये नोडल अधिकारी तैनात किये जायेंगे। विभिन्न क्षेत्रों के लिये निर्धारित की गई नीतियों के प्रति आकर्षित होने वाले उद्यमियों एवं निवेशकों को सुविधा हो सके। बिजनेस मीट में उद्यमी पंकज गुप्ता, आईटीसी, फार्मास्यूटिकल्स, हीरो मोटो कॉर्प के प्रतिनिधियों के साथ उद्यमी एस.पी.सिंह, प्रणव कुकरेती आदि ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर निदेशक उद्योग सुधीर नोटियाल के साथ विभिन्न विभागों के अधिकारी उवं उद्योग व्यापार से जुड़े लोग उपस्थित थे।

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