उत्तराखण्डस्वास्थ्य

बड़ी उपलब्धि, मिल रही  राहत: उत्तराखंड में राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना (SGHS) के तहत  65 हजार से अधिक राजकीय कार्मिकों व पेंशनर्स का  हुआ कैशलेस उपचार, 143 करोड़ से ज्यादा हो चुके खर्च

  • आयुष्मान सूचीबद्ध अस्पतालों में सभी प्रकार  रोगों की चिकित्सकीय सुविधा कैशलेस का मिल रहा लाभ
  • राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना  के अंतर्गत अब तक 4.45 लाख से अधिक बनाए जा चुके गोल्डन कार्ड

एस. आलम अंसारी 
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के नेतृत्व में उत्तराखंड में लगातार बेहतर हो रही स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ आम आदमी के साथ ही राजकीय कार्मिकों और पेंशनर्स को भी मिल रहा है। राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजनाएं लगातार लोगों को लाभान्वित कर रही हैं। प्रदेश में चल रही आयुष्मान योजना और राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना में अब तक लाखों लोग इसका लाभ ले चुके हैं।
प्रदेश में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण  की और से  संचालित राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना में 65 हजार से अधिक लाभार्थियों ने मुफ्त उपचार सेवा का लाभ उठाया है। जिस पर राज्य सरकार   की और से  अब तक ₹143 करोड़ से अधिक खर्च किए जा चुके हैं।
प्रदेश में चल रही राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत अभी तक 4.45 लाख लाभार्थियों के कार्ड बन चुके हैं। कार्ड के जरिए आयुष्मान सूचीबद्ध अस्पतालों में सभी प्रकार के रोगों की चिकित्सकीय उपचार की सुविधा कैशलेस उपलब्ध कराई जाती है। जहां सामान्य आयुष्मान योजना में पांच लाख रूपए प्रतिवर्ष प्रति परिवार का प्रावधान है वहीं राजकीय कार्मिकों व पेंशनर्स एवं उनके परिवार के सदस्यों के लिए उपचार पर होने वाले खर्च की कोई अधिकतम सीमा नहीं है।
वहीं आयुष्मान योजना के अंतर्गत राजकीय अस्पताल से रैफर होने का प्रावधान रखा गया है। लेकिन SGHS के मामले में इस तरह की कोई बाध्यता नहीं है। लाभार्थी चाहें तो सीधे ही किसी भी अस्पताल में उपचार  के लिए जा सकते हैं।
राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना के तहत अस्पतालों में उपचार  के लिए  सिर्फ भर्ती मरीजों की बात करें तो 1 जनवरी 2021 से 31 अक्टूबर 2022 तक 35 हजार से अधिक लाभार्थी उपचार  के लिए योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध विभिन्न सरकारी व निजी अस्पतालों में भर्ती हुए जिन्हें पूरी तरह से कैशलेस की व्यवस्था दी गई। कैशलेस उपचार की इस आईपीडी व्यवस्था पर ₹ 88 करोड़ के करीब प्रदेश सरकार का खर्च हुआ है। वहीं ओपीडी  के अंतर्गत 30904 लाथार्थियों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति के रूप में ₹55.56 करोड़ खर्च हुए। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार मजबूत और बेहतर करने के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है। स्वास्थ्य सेवाओं को आमजन तक आसानी से पहुंचाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। अवस्थापना सुविधाओं के साथ-साथ चिकित्सकों की नियुक्ति और पैरामेडिकल स्टाफ पर भी सरकार का फोकस है। प्रदेश में आयुष्मान योजना ने लोगों के लिए संजीवनी का काम किया है ।यह योजना खासतौर कमजोर आर्थिक स्थिति वाले  लोगों के लिए वरदान साबित हुई है।

1 जनवरी 2021 से 31 अक्टूबर 2022 तक राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना आईपीडी की प्रगति रिपोर्ट

व्याधि                लाभार्थी       खर्च करोड़ में
कार्डियो                  815          6.90
सीटीवीएस              145         2.20
जनरल मेडिसिन      10345     23.15
डायलिसिस             7579        5.74
जनरल सर्जरी         1595         5.10
कोविड                   19476       3.29
न्यूरो सर्जरी             170          .96
आंकोलॉजी              1517        4.82
ओबीएस एंड गायनी    480       0.82
आर्थोपैडिक्स             559        1.52
आई सर्जरी              3861        3.26

OPD के अंतर्गत चिकित्सा प्रतिपूर्ति

कुल लाभार्थी                 खर्च करोड़ में
30907                         55.56

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