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मसूरी में चिंतन शिविर शुरू: मुख्य सचिव डॉ. संधु ने नौकरशाहों को सीधे सपाट शब्दों में दी कड़ी नसीहत, बोले- फैसले लेने से डरने और यस की बजाए नो कहने में दिलचस्पी  लेने की सोच रखने वाले अफसरों को ले लेना चाहिए वीआरएस

  • कहा, कायर नौकरशाह ही लगाते हैं ज्यादा आपत्ति 
  • नौकरशाह एक मुद्दा रोज लें, फिर उसको सुलझाएं
  • बदलती परिस्थितियों के हिसाब से हमें परिवर्तन लाने होंगे ,
    सकारात्मक दृष्टिकोण से काम करना होगा
  • हमें नियमित चिंतन शिविरों की बहुत ज्यादा जरूरत

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. सुखबीर सिंह संधु  सशक्त उत्तराखंड@25 चिंतन शिविर के उदघाटन सत्र को संबोधित करने के दौरान फुल फॉर्म में नजर आए।  नौकरशाहों को अपने संबोधन के दौरान मुख्य सचिव ने दो टूक और सीधे सपाट सब शब्दों में नसीहत और हिदायत देते हुए कहा कि कई बार देखने में आता है कि अफसर फैसले लेने से डरते हैं और यस के बजाय नो कहने में अधिक दिलचस्पी लेते हैं ।उन्होंने कहा कि ऐसी सोच रखने वाले नौकरशाहों को स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले लेना चाहिए।
मुख्य सचिव डॉ  संधू ने कहा कि आगामी तीन दिनों तक हम राज्य को लेकर महत्वपूर्ण मंथन करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें मंथन केवल तीन दिन नहीं बल्कि समय-समय पर करते रहने चाहिएं। उन्होंने कहा कि दुनिया अब तेजी से बदल रही है। बदलती परिस्थितियों के हिसाब से हमें परिवर्तन लाने होंगे। पहले पंच वर्षीय योजना बनती थी, लेकिन समय के साथ हमें इस मॉडल से बाहर आना पड़ा है। यही वजह है कि पंच वर्षीय कार्यक्रम की जगह नीति आयोग की जरूरत पड़ी है। उन्होंने कहा कि हमें नियमित चिंतन शिविरों की बहुत जरूरत  है।
मुख्य सचिव ने कहा कि कई बार देखने में आता है कि अफसर फैसले लेने से डरते हैं और यस के बजाए नो कहने में अधिक दिलचस्पी लेते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी सोच रखने वाले नौकरशाहों को स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी काम के प्रति बेहद सकारात्मक हैं। अगर कोई शासनादेश या नियम किसी विकास योजना या अच्छे कार्य में आड़े आ रहा है तो उसको बदलना चाहिए। उन्होंने  कहा कि एक व्यक्ति क़ानून को मिसयूज न कर पाए इस सोच के चलते 99 लोगों को फायदा न होने देने की सोच गलत है। उन्होंने कहा कि नौकरशाह एक मुद्दा रोज लें कर फिर उसको सुलझाएं। उन्होंने कहा कि कायर नौकरशाह ही ज्यादा आपत्ति लगाते हैं। किसी चीज पर फैसला न लेना जनता को परेशान करने के समान है।
मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन, योगा, हाइड्रो पावर, हॉर्टिकल्चर वो तमाम क्षेत्र हैं, जिनमें अभी बहुत कुछ करने की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण से लोग भाग रहे हैं। जिस तरह से सड़कों का जाल बिछ रहा है ,हम दिल्ली एनसीआर का हिस्सा होंगे। इस लिहाज से हमें अपने देहरादून व अन्य शहरों में सुविधाओं को विकसित करना होगा। उन्होंने कहा कि चिंतन हमें केवल तीन दिन नहीं बल्कि हर रोज करना है। उन्होंने कहा कि काम करने का एटीट्यूड बहुत महत्वपूर्ण है।
इस अवसर लाल बहादुर प्रशाशनिक अकादमी के निदेशक श्रीनिवास आर कतीकीथला ने अकादमी में चलाई जा रही गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि आधी आबादी को ध्यान में रखकर हमें योजनाएं बनानी होंगी*। उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण पर बल दिया और समाज में होने वाली घटनाओं के अनूरूप नीतियों को बनाने पर बल दिया। नियोजन सचिव  आर मीनाक्षी सुंदरम ने राज्य की अर्थव्यवस्था पर अपना प्रेजेंटेशन दिया। इस अवसर पर सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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