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दोनों ओर से हुई जोरदार बहस, सदन में रही हंगामे की स्थिति
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विधानसभा अध्यक्ष ने हगामा बढ़ता देख कई बार किया हस्तक्षेप
देहरादून। उत्तराखण्ड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखरी दिन शुन्य काल में कांग्रेस विधायक ओर पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने सदन की अवमानना का मुद्दा उठाते हुए गैरसैंण के सवाल पर सरकार को घेरने का काम किया। इस दौरान दोनो ओर से जबरदस्त बहस हुई, हर कोई अपने अंदाज में दिखा। हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ऋतु खंडूड़ी को कई बार हस्तकक्षेप करना पड़ा।
प्रीतम सिंह ने कहा कि अस्थाई राजधानी देहरादून को बलाया गया है, ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को घोषित किया गया है। यह राज्य आंदोलनकारियों की शहादत के बाद मिला। आंदोलनकारियों ओर राज्य वासियों की भावना यह थी, कि गैरसैंण को प्रदेश की राजधानी बनाया जाए। हमने 2012 में वहा पहली कैबिनेट बैठक की, फिर टेंट में सत्र कराया। 4 मार्च 2020 को भराडीसैंण में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी के, ‘इस सरकार पर सब की निगाह है, आज गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया जाता है। तत्कालीन स्पीकर ओर आज के संसदीय कार्य मंत्री अग्रवाल ने भी आभार जताया था, ओर हम ने विपक्ष में होने के बाद भी इस फैसले का स्वागत किया था, मगर उसके बाद से वहा न तो कोई सत्र आहुत हो रहा, न वहा से एक दिन भी सरकार का संचालन हो रहा, तो क्या केवल 15 अगस्त, 26 जनवरी व 9 नवंबर के कार्यक्रमों के लिये गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया है। क्या यह तत्कालीन सीएम की घोषणा की अवमान्ना नही हैं। प्रीतम को जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने उत्तराखण्ड आंदोलन में अपने सहयोग ओर अटल ने बनाया मोदी संवारेंगे के नारे पर खूब जोर दिया। दोनो ओर के विधायकों ने बात-बात पर खूब मेजे थपथपाई, एक-दूसरे पर जमकर हमला बोला। स्पीकर को भी कहना पड़ा की मुद्दे पर ही बात की जाए। अग्रवाल पर पलटवार करते हुए प्रीतम ने जुमलेबाज कहा तो पूरा सदन हंगामें से लरज गया। भाजपाई खास कर किशोर उपाध्याय इस शब्द को कारवाई से निकालने की मांग करते ओर आंदोलनकारियों पर सदन में चर्चा कराने की मांग करते हुए नजर आए। आर्य ने कहा कि पूर्व सीएम ने वहा के लिये 2500 करोड़ के बजट की घोषणा की थी, वह कहा है। 1 बजे स्पीकर खण्डूडी को खड़ा होना पड़ा। उन्होने कहा कि आपस में कोई भी बात नही करेगा, जिसे में मौका दूंगी वही सदन में अपनी बात रखेगा। संसदीय कार्य मंत्री ने अगला बजट सत्र भराड़ीसैंण में ही आहुत कराने का आशवासन दिया।
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