उत्तराखण्ड

भाजपा का कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार, कहा  संवैधानिक संस्थाओ को बदनाम करने का  किया जा रहा प्रयास, अपने पाप छिपाने के लिए दुष्प्रचार का सहारा ले रही कांग्रेस

  • आयोग के जरिए हो रही भर्तियों में उत्तराखंड मूल के  युवाओं को ही होगा लाभ

  • आवेदन में स्थाई निवास ,उत्तराखंड रोजगार कार्यालय में पंजीकरण को किया गया है अनिवार्य

    देहरादून । भाजपा ने कॉंग्रेस  की और से लगाए लोक सेवा आयोग में भ्रष्टाचार के आरोपों को तथ्यहीन और अपुष्ट जानकारी के आधार पर संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने के प्रयासों का हिस्सा बताया । उन्होंने कहा कि अपने पाप छिपाने के लिए कांग्रेस दुष्प्रचार का सहारा ले रही है।

    प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा, यदि उनके आरोपों में थोड़ी भी सच्चाई है तो यह भी उनके ही कार्यकाल में 2015 का एक और पाप होगा ।

          प्रदेश मीडिया प्रभारी ने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस ने लोक सेवा आयोग के जरिये हो रही भर्तियों मे उत्तराखंड के युवाओं के साथ धोखे का आरोप लगाया है, जबकि सच्चाई यह है कि आवेदन में स्थाई निवास , उत्तराखण्ड रोजगार कार्यालय मे पंजीकरण को अनिवार्य किया गया है। वहीं हाई स्कूल व इंटर की परीक्षा भी उत्तराखंड से पास जरूरी है। इससे उतराखंड मूल के युवाओं को ही लाभ होगा। कांग्रेस को जानकारी दुरस्त करने की जरूरत होगी।

    कांग्रेस केवल लोक सेवा आयोग पर ही अविश्वास नहीं कर रही है ये हर संवैधानिक संस्था पर अविश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि ये वही लोग हैं जो सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत माँगते हैं और सेना पर भरोसा नहीं करते। ईवीएम पर भरोसा नहीं करते हैं और चुनाव आयोग पर भी भरोसा नहीं करते हैं। अपनी पार्टी के प्रधानमंत्री पर भी भरोसा नहीं करते हैं और उनके बनाए अधिनियम को सभी के सामने फाड़ते हैं। यह वही कांग्रेस है जो कि सीबीआई को सरकारी तोता कहती रही है, जबकि अंकिता प्रकरण मे वह सीबीआई की रट लगा रही है। मामले मे एसआईटी जाँच कर रही है और अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने के लिए जुटी है।

    उन्होंने कटाक्ष किया कि कॉंग्रेस ने अपनी सरकारों में भ्रष्टाचार का घड़ा इतना भर दिया था कि आज जब भी हल्ला मचता है तो घड़े से बाहर उनके कार्यकाल का ही घोटाला निकलता है। उन्होने कहा कि जिन परीक्षाओं में अनियमितता व गड़बड़ी का आरोप नेता प्रतिपक्ष भुवन कपड़ी व उनके प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने लगाया है वे सब परीक्षाएँ 2015 में कॉंग्रेस सरकारों के कार्यकाल में ही सम्पन्न हुई थी । इससे पूर्व भी भ्रष्टाचार के जो भी प्रकरण सामने आए हैं उनमे अधिकांश भी उनके ही शासनकाल की देन हैं ।ऐसे में यदि इस संबंध में कोई अपुष्ट जानकारी कॉंग्रेस नेताओं के पास है तो उन्हे जांच ऐजेंसी से साझा करना चाहिए, बजाय सार्वजनिक कर लोक सेवा आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप लगा कर बदनाम करने के।

        चौहान ने आरोप लगाया कि लगता है उनके प्रदेश नेताओं को भी अपने आलाकमान से संवैधानिक संस्थाओं को बेवजह आरोप लगाने के निर्देश मिले हुए हैं, जिसका वह पालन कर अपने नंबर बढ़ाते रहते हैं । कॉंग्रेस का पहले से ही चुनाव आयोग, न्यायालय, कार्यपालिका, नीति आयोग, सेना समेत सभी आयोगों पर बदनीयती से आरोप लगाने का लंबा इतिहास रहा है ।

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