उत्तराखण्डदेहरादून

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत बोले,  मातृ-मुत्यु दर को कम करने में आशाओं का अहम योगदान, कहा, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने में आशाओं का कार्य सराहनीय

आशा सम्मेलन में स्वास्थ्य मंत्री ने की आशा कार्यकत्रियों के कार्यों की प्रशंसा

कहा, राज्य स्तर पर सर्वश्रेष्ठ आशाओं को दिये जायेंगे अवार्ड

देहरादून। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड की ओर से जनपद स्तरीय आशा सम्मेलन का आयोजन मंगलवार को किया गया। सम्मेलन में उत्कृष्ट कार्य करने वाली आशा कार्यकत्रियों, आशा फैसिलिटेटर्स, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर को कैश अवार्ड देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में आशा कार्यकत्रियों  की और से  सामुदायिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में योगदान को सराहा गया।
सम्मेलन का शुभारम्भ राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, नगर निगम देहरादून के मेयर सुनील उनियाल, क्षेत्रीय विधायक खजानदास, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय जैन ने दीप प्रज्वलित कर किया।

इन आशा  कार्यकत्रियों को किया गया सम्मानित

श्रेणी- आशा
ममता बलोनी (आशा)- प्रथम पुरस्कार – रु. 5000 का कैश अवार्ड
रीतू रस्तोगी (आशा)- द्वितीय पुरस्कार – रु. 3000 का कैश अवार्ड
मीनू व्यास (आशा)- तृतीय पुरस्कार – रु. 1000 का कैश अवार्ड

श्रेणी- आशा फैसिलिटेटर
मिथलेश (आशा फैसिलिटेटर)- प्रथम पुरस्कार – रु. 5000 का कैश अवार्ड
संगीता नवानी (आशा फैसिलिटेटर)- द्वितीय पुरस्कार – रु. 3000 का कैश अवार्ड
शांति चौहान (आशा फैसिलिटेटर)- तृतीय पुरस्कार – रु. 1000 का कैश अवार्ड

श्रेणी- ब्लॉक कोऑर्डिनेटर
इंद्रा थापा, ब्लॉक कोऑडिनेटर- सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार- रु. 5000 का कैश अवार्ड

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि शीघ्र ही राज्य स्तरीय आशा संवाद का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी जनपदों से आशाओं को प्रतिभाग  के लिए  आमंत्रित किया जायेगा तथा आशाओं को राज्यस्तरीय पुरस्कार भी दिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि भारत सरकार से आशा को निश्चित मानदेय दिये जाने  अनुरोध किया गया है।
उन्होंने राज्य में मातृ मृत्यु दर में कमी लाने तथा संस्थागत प्रसव में बढ़ोत्तरी के लिए आशाओं के योगदान की सराहना की। उन्होंने आशाओं से अपील की कि गर्भवती मां एवं बच्चे की जान बचाने की जिम्मेदारी आशा के कंधे पर है। प्रसव से संबंधित गंभीर मामलों में आशा नियमित मॉनिटर करें तथा नजदीकी चिकित्सालय में गर्भवती माताओं को समय रहते जांच के लिए ले जायें।
उन्होंने टीबी मुक्त भारत, रक्तदान, निशुल्क मोतिया बिंद के ऑपरेशन, जन्म मृत्यु पंजीकरण, जैसे संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रमों में आशाओं के योगदान को सराहा।
उन्होंने कहा कि अब ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य चौपाल का आयोजन किया जायेगा। जिसमें सी.एच.ओ., ए.एन.एम. व चिकित्सक द्वारा स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जायेंगी।
नगर निगम मेयर  सुनील उनियाल ने इस अवसर पर कोविड काल में आशाओं के कायों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आशांए हमारे हेल्थ सिस्टम की रीढ़ हैं। उनके बिना सामुदायिक स्वास्थ्य की कल्पना नहीं की जा सकती।
क्षेत्रीय विधायक  खजानदास ने कहा कि आशा कार्यकत्रियां प्रदेश के गांव-गांव व घर-घर तक जाकर स्वास्थ्य सेवायें प्रदान कर रही हैं। उन्होंने आशाओं के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि मैं सरकार से अनुरोध करूंगा कि आशाओं के मानदेय में सम्मानजनक वृद्धि की जाये।
सम्मेलन में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ विनीता शाह एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून डॉ. संजय जैन  ने  आशा कार्यकत्रियों को सम्मानित किया  तथा उनके योगदान की सराहना की गयी।
सम्मेलन में आशा कार्यकत्रियों  की और से  सांस्कृतिक गीत, लोकनृत्य, नुक्कड़ नाटक, स्वागत गीत, भाषण आदि गतिविधियों में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया गया।
सम्मेलन में चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एन.एच.एम. डॉ. निधि रावत, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. वंदना सेमवाल, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ
सीएस रावत, डॉ. कैलाश गुंज्याल, डॉ0 कर्नल अजय कुमार, सिटी अर्बन हेल्थ ऑफिसर राकेश बिष्ट, जिला सलाहकार अर्चना उनियाल, जिला आशा समन्वयक दिनेश पांडे, पंचम बिष्ट, सुमित नौटियाल, रेखा द्रविड़, रेखा उनियाल, ममता प्याल, पूजन नेगी आदि उपस्थित रहे।

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