उत्तराखण्ड

उत्तराखंड की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्य ने कहा, राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ जल्द से जल्द आयोजित कराए जाएं, प्रदेश के पारंपरिक और पौराणिक खेलों को भी मिलेगा स्थान

  • विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर आयोजन से संबंधित मुद्दों को लेकर किया मंथन

  • बच्चों की उत्साहजनक वृद्धि से खेल महाकुंभ अपनी सफलताओं की चढ़ता जा रहा सीढी

देहरादून। प्रदेश की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने विधानसभा स्थित सभागार कक्ष में राज्य स्तरीय खेल महाकुम्भ के आयोजन के संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। खेल मंत्री ने कहा कि राज्य स्तरीय खेल महाकुम्भ शीघ्र अतिशीघ्र कराया जाए इस संबंध में बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण वर्ष 2019-2020 के बाद में खेल महाकुम्भ प्रारम्भ नहीं हो पाया। हमने वर्ष 2022 में खेलों के आयोजन की शुरूआत कर दी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-2020 में प्रतिभाग करने वाले लगभग 02 लाख 25 हजार प्रतिभागियों की अपेक्षा वर्ष 2022 में राज्य स्तरीय खेल महाकुम्भ में प्रतिभागियों की संख्या लगभग 04 लाख पहुंच चुकी है। आर्य ने कहा कि खेल महाकुम्भ में वर्ष 2022 में प्रतिभाग करने वाले बच्चों की उत्साहजनक वृद्धि से यह स्पष्ट संदेश जा रहा कि खेल महाकुम्भ अपनी सफलताओं की सीढ़ी चढ़ते जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस खेल महाकुम्भ में वे सभी बच्चे प्रतिभाग कर रहे हैं जो मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना से जुड़े हुए हैं जिसमें 08 वर्ष से 14 वर्ष आयुवर्ग के बच्चे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि न्याय पंचायत स्तर, ब्लॉक स्तर तथा जनपद स्तर पर हुईं प्रतियोगिताओं के विजेता खेल महाकुम्भ में प्रतिभाग करेंगे। खेल मंत्री ने कहा कि खेल महाकुम्भ के आयोजन में राज्य के पारम्परिक तथा पौराणिक खेलों जैसे मलखम्ब, मुर्गा झपट आदि को भी स्थान मिलेगा। उन्होंने कहा कि दिव्यांग प्रतिभागियों के लिए भी खेल महाकुम्भ में प्रतियोगिताएं होंगी। आर्य ने कहा कि खेल महाकुम्भ के शुभारम्भ की तिथि के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया है जिससे जल्द से जल्द खेल महाकुम्भ प्रारम्भ हो सके। उन्होंने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन भी उत्तराखण्ड में होना है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि खेल महाकुम्भ के माध्यम से प्रदेश की युवा पीढ़ी राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय खेलों की ओर अग्रसर हो। रेखा आर्य ने कहा कि खेल महाकुम्भ में विशिष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को सरकार की ओर से विशेष कोचिंग की सुविधा प्रदान कराई जायेगी। इस अवसर पर महानिदेशक शिक्षा विभाग बंशीधर तिवारी, निदेशक खेल एवं युवा कल्याण जितेन्द्र कुमार सोनकर, संयुक्त निदेशक खेल निदेशालय डॉ धर्मेन्द्र प्रकाश भट्ट तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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