उत्तराखण्डटिहरी गढ़वाल

नई टिहरी के घनसाली थाने में पुलिस अभिरक्षा में हुई मौत मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष व चार पुलिसकर्मियों पर ट्रायल शुरू करने के आदेश, मृतक की जांच करने वाले चिकित्सकों को भी समन जारी

  • 21 मई 2011 को भिलंगना ब्लॉक के केपार्स गांव निवासी सरोप सिंह की मारपीट से हुई थी मौत

  • जांच में एसडीएम की रिपोर्ट भी संदेह के घेरे में रही, पोस्टमार्टम की वीडियो और फोटोग्राफी भी नहीं कराई गई

    नई टिहरी। घनसाली थाना में पुलिस अभिरक्षा के दौरान केपार्स गांव निवासी सरोप सिंह की मौत के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेंट विनोद कुमार बर्मन की अदालत ने तत्कालीन थानाध्यक्ष, चार पुलिसकर्मियों सहित दो होमगार्ड पर ट्रायल शुरू करने के आदेश पारित किए हैं। कोर्ट ने मृतक की जांच करने वाले तत्कालीन चिकित्सकों को भी मामले में समन जारी किए हैं।

    सहायक अभियोजन अधिकारी अनुराग वरूण ने बताया कि 21 मई 2011 को भिलंगना ब्लॉक के केपार्स गांव निवासी मोर सिंह ने कोतवाली नई टिहरी में तहरीर देकर बताया कि उसका भाई सरोप सिंह चमियाला बाजार में सामान लेने गया था, इस दौरान वहां जाम लग गया। एक महिला यात्री की उनके भाई के साथ झड़प हो गई, और महिला ने भाई को थप्पड़ मार दिया। वहां मौजूद होमगार्ड सोहन लाल, चौतलाल, शिचरण ने उसके भाई के साथ लाठी-डंडों से मारपीट कर चमियाला पुलिस चौकी ले गए। आरोप लगाया कि 4-5 पुलिसकर्मियों ने भी वहां सरोप सिंह के साथ मारपीट की। इसके बाद वह उसे घनसाली थाने ले गए। सायं को ही उसकी थाने में मौत हो गई। पुलिस कर्मियों ने तबीयत खराब का बहाना बनाकर उसे पीएचसी पिलखी ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यही नहीं बचाव के लिए पुलिस वालों ने उसके भाई को 108 सेवा से जिला अस्पताल बौराड़ी भेजा। उन्होंने इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की। 22 मई 2011 को कोतवाली में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। जांच में एसडीएम घनसाली की रिपोर्ट भी संदेह के घेरे में रही। पोस्टमार्टम की वीडियो और फोटोग्राफी भी नहीं कराई गई। डीएम के निर्देश पर एसडीएम घनसाली को मजिस्ट्रेटी जांच कर एक सप्ताह में रिपोर्ट तलब करने के आदेश दिए। लेकिन एसडीएम घनसाली ने 17 जून को रिपोर्ट भेजी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के अति संवेदनशील अंगों सहित कई हिस्सों में मारपीट के गंभीर निशान मिले। कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करने के बाद मजिस्ट्रेट ने कहा कि पीएम रिपोर्ट की वीडियो और फोटोग्राफी न करने पर अपराधियों को जानबूझ कर बचाने और साक्ष्यों को नष्ट किया गया। शनिवार को मामले में सुनवाई हुई। सीजेएम विनोद कुमार बर्मन ने घनसाली के तत्कालीन थानाध्यक्ष कमल कुमार लुंठी, एसआई सुरेंद्र चौधरी, हेड कांस्टेबल जय सिंह रावत, कांस्टेबल प्रदीप गिरी, उम्मेद सिंह असवाल, होमगार्ड चौतलाल, शिवचरण के विरुद्ध आईपीसी की धारा 304 के तहत ट्रायल शुरू करने के आदेश पारित किए। साथ ही जिला चिकित्सालय बौराड़ी के तत्कालीन चिकित्सक डॉ. संजय कर्णवाल, डॉ. संजय कंसल, डॉ. मनोज कुमार बडोनी के विरूद्ध आईपीसी की धारा 201 के तहत समन जारी करने के आदेश पारित किए।

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