उत्तराखण्डदेहरादून
उत्तराखंड को मिली एक और बड़़ी उपलब्धि: शहरी विकास मंत्री डॉ अग्रवाल ने दी जानकारी, स्पेशल असिस्टेन्ट टू स्टेट फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेन्ट योजना के तहत हुआ उत्तराखण्ड का चयन, योजना में अर्बन रिफॉर्म के लिए राज्य को मिलेगा 500 करोड़ का अनुदान
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नववर्ष की पूर्व संध्या पर मीडिया से रूबरू हुए प्रदेश के शहरी विकास मंत्री
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अटल निर्मल नगर पुरस्कार की राशि बढ़ाकर 2 करोड़ की गई
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आवास विभाग की उपलब्धियों और भावी योजनाओं को भी रखा सामने
देहरादून। प्रदेश के शहरी विकास मंत्री डॉ- प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि बताया कि भारत सरकार की स्पेशल असिस्टेन्ट टू स्टेट फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेन्ट योजना के तहत उत्तराखण्ड राज्य का चयन किया गया है। उत्तराखण्ड का चयन भारत सरकार की इस योजना में मानकों के तहत सात राज्यों में हुआ है।
शनिवार को नववर्ष की पूर्व संध्या पर विधानसभा स्थित मीटिंग रूम में पत्रकारोे से वार्ता करते हुए शहरी विकास मंत्री डॉ- अग्रवाल ने बताया कि योजना में लगभग 500 करोड रुपए का अनुदान भारत सरकार की और से राज्य सरकार को अर्बन रिफॉर्म के लिए दिया जाना है। राज्य ने योजना के अन्तर्गत छः घटकों की अनुपालन आख्या का प्रस्तुतीकरण भारत सरकार को प्रस्तुत किया गया। राज्य सरकार को अनुदान के लिए पात्रता प्राप्त हुई हैं।
डॉ- अग्रवाल ने बताया कि राज्य में स्वच्छ भारत मिशन शहरी के अंतर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन मद में 91 निकायों के लिए 64 परियोजनाए भारत सरकार से स्वीकृत करा ली गई है। जिनमें से 89 निकायों के लिए 62 परियोजनाओं की धनराशि रु. 71-63 करोड़ (35 प्रतिशत) वीजीएफ के रूप में प्राप्त की गई है तथा शेष 65 प्रतिशत रु. 221-31 करोड़ राज्य सरकार व स्थानीय निकायों द्वारा वहन की जायेगी। बताया कि राज्य के शहरी क्षेत्रें में 1535-50 मी- टन ठोस अपशिष्ट प्रति दिन उत्पन्न होता है। जिसमें से 1062-07 मी- टन अर्थात 69 प्रतिशत का प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) प्रतिदिन किया जाता है। इस लिए 38 मटीरियल रिकवरी फेसिलिटी केन्द्रों, 60 अपशिष्ट कॉम्पेक्टर तथा 855 कम्पोस्ट पिट निकायों में संचालित है। उदहारण के तौर पर दूरस्थ पालिका जोशीमठ के लिए 1200 टन अजैविक कूड़े का विक्रय कर लगभग 79 लाख की आय अर्जित की गई है। लीगेसी वेस्ट निस्तारण को 7 नगर निगमों की रु. 80-00 करोड़ की परियोजनाएं भारत सरकार की ओर से स्वीकृत की गई है तथा प्रथम किस्त रुú 29-00 करोड राज्य को अवमुत्त किया गया है।
उन्होंने बताया कि शहरी विकास विभाग के एक वरिष्ठ प्रतिनिधिमण्डल ने जर्मनी में रिसाइकलिंग एवं वेस्ट टू एनर्जी, ईपीआर आदि के क्षेत्र में किये जा रहे नवाचारों का एक सप्ताह का अध्ययन किया गया तथा जीआई जेड के तकनीकि सहयोग से इन नवाचारों को राज्यों में क्रियान्वित किये जाने का प्रयास किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना तहत 2993 महिला स्वयं सहायता समूहाँ एवं 73 क्षेत्र स्तरीय संघ का गठन किया गया, विपणन के लिए नगर पालिका परिषद चम्पावत, टनकपुर तथा नगर निगम रुद्रपुर में नगर आजीविका केन्द्रों (सीएलसी) को स्वीकृत किया गया है। 20870 फेरी व्यवसायियों को सर्वेक्षण कर पेंडिंग सेटिफिकेट एवं पहचान पत्र उपलब्ध कराया गया है। निकायों में फेरी व्यवसायियों को सुव्यवचित करने के लिए कुल 333 वेंडिंग जोनों का चिन्हिकरण किया गया है, महिला फेरी व्यवसायियों के लिए नगर निगम हरिद्वार में पिंक वेंडिंग जोन, तथा नगर निगम में देहरादून में स्मार्ट वेंडिंग जोन की स्थापना की गई है।
7422 शहरी गरीबों को स्वरोजगार के लिए बैको के माध्यम से 103 करोड़ का ऋण की स्वीकृति तथा रू. 448 करोड़ का ब्याज सब्सिडी अनुदान निर्गत किया गया है। उन्होंने बताया कि अटल निर्मल नगर पुरस्कार के तहत धनराशि को एक करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड किया गया है। प्रदेश के 102 नगर निकायों में अच्छा काम हो रहा है। उन्होने इस अवसर पर शहरी विकास निदेशालय के अफसरों के काम की तारीफ भी की।प्रेसवार्ता मेें निदेशक शहरी विकास नवनीत पांडे, महाप्रबन्धक स्मार्ट सिटी लि- जेएस चौहान, केपी चमोला सहित शहरी विकास विभाग के कई अधिकारी मौजूद रहे।
प्रदेश में शहरी बेघरों के लिए 14 रैन बसेरों का किया जा रहा संचालन
देहरादून ।शहरी विकास मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि डेएनयूएलएम योजना के अंतर्गत शहरी बेघरों के लिए आश्रय (एसयूएच) के अन्तर्गत 801 आश्रितों की क्षमता के 14 रैन बसेराें का संचालन निराश्रित बेघरों के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) अंतर्गत 151 स्वीकृत परियोजनाओं में से वर्तमान तक रू0 339-45 करोड़ की 117 योजनाएं पूर्ण की जा चुकी है, 34 योजनाएं रू0 253-52 करोड़ की गतिमान है जिन्हे मार्च 2023 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। योजना अन्तर्गत भारत सरकार ने रू0 593-02 के सापेक्ष रू0 591-02 करोड़ (केन्द्राश व राज्यांश को जोड़कर) अवमुत्तफ़ किये जा चुके है। 66203 उपभोत्तफ़ाओं को ‘पेयजल कनेक्शन’ तथा 67219 सीवरेज कनेक्शन उपभोगत्तफ़ाओं को दिया गया है। निकाय अंतर्गत 82337 सोडियम लाईटों को एलईडी लाईट में परिवर्तित किया गया।
उन्होंने बताया कि अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन 2-0 (अमृत 2-0) के अंतर्गत पूर्व चयनित 7 अमृत नगरों में सीवर / सैप्टेज निस्तारण तथा प्रदेश के सभी नगरों में जल संयोजन दिया जाना निर्धारित है। 111 शहरों (102 स्थानीय निकाय तथा 09 कन्टेनमेंट बोर्ड) के लिए केन्द्रांश 582-00 करोड़ तथा राज्यांश रू0 64-66 करोड़, कुल 646-66 करोड़ की धनराशि निर्धारित की गई है, प्रथम चरण की किस्त रू0 233-74 करोड, केन्द्रांश तथा राज्यांश रू0 25-97 कुल 259-71 करोड़ के सापेक्ष केन्द्रांश (20 प्रतिशत) धनराशि रू0 42- 08 अवमुत्तफ़ कर दी गयी है। योजना के अन्तर्गत कुल 65915 जल संयोजन दिया जाना प्रस्तावित है। शास्त्रीनगर वार्ड (देहरादून) को 24 गुणा 7 किया जायेगा।
शहरी विकास मंत्री ने कहा, 8 नगर निगमों में लागू है सेल्फ एसेसमेंट
देहरादून ।शहरी विकास मंत्री ने बताया कि वित्तीय सुदृढीकरण- राज्य में म्युनिसिपल एकॉउटिंग मैनुवल, 2021 तैयार कर लागू कर दिया गया है एवं सम्बन्धित अधिनियमों में संशोधन कर दिया गया है। सिंगल एन्ट्री सिस्टम से डबल एन्ट्री एकॉउंटिंग सिस्टम सभी नगर निकायों में लागू किया जा रहा है। म्युनिसिपल एकॉउटिंग मैनुवल को लागू करने के लिए म्युनिसिपल एकॉउटिंग सॉफ्रटवेयर तैयार किया जा रहा है। म्युनिसिपल एकॉउटिंग ऑडिट रूल्स तैयार किये जा रहे है। इसके अतिरित्त 08 नगर निगमों में सैल्फ एस्सेमेन्ट लागू है एवं 68 निकायों के सम्पत्ति रजिस्टर को डिजिटाईज किया जा चुका है। 07 अमृत शहरों के लिए क्रेडिट रेटिंग की जा रही है।
पीएम आवास योजना शहरी में 22175 मकानों की मिली स्वीकृति
देहरादून। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना सबके लिए आवास (शहरी) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थी आधारित निर्माण घटक अंतर्गत 22175 आवासों की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त की गई है, जिनमें में 6175 आवासों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है तथा 8000 आवासों से अधिक पर कार्य प्रगति पर है। अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग काम्पलेक्स शहरी गरीबों के लिए प्रदेश में 600 से अधिक आवासों को चयनित किया गया है। लालकूओं में 100 आवास व देहरादून में 70 आवास आवंटित किया गया, भागीदारी में किफायती आवास घटक अंतर्गत 13 आवासीय कालोनियों में 14500 आवासों का शिलान्यास व वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के एएचपी घटक में भारत सरकार से 21 योजनाओं (17304 आवास) की स्वीकृति कराकर 464 आवासों का कब्जा लाभार्थियों को दिया जा चुका है। शेष समस्त आवास वर्ष 2024 तक पूर्ण कर कब्जा दिया जाना प्रस्तावित है। लाभार्थियों के आवास की बुकिंग आवंटन एवं लॉटरी के लिए ऑनलाईन पोर्टल शुरू किया गया है तथा राज्य के सभी कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से आवास की बुकिंग सुविधा प्रदान की गयी है। उन्होंने कहा कि राज्य अवस्थापना निधि में राज्य सेक्टर के तहत समस्त निकायों में ओपन जिम पार्क निर्माण के लिए नगर निगमों को रू0 3-00 लाख नगर पालिका परिषद को रु0 2-00 लाख तथा नगर पंचायतों को रू0 1-50 लाख अवमुक्त किये गये।