उत्तराखण्डदेहरादून

उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री डॉ अग्रवाल ने किया स्वच्छता चौपाल में माउंटेन स्वच्छता टेक्नोलॉजी चैलेंज लॉच, कहा – कचरे को समस्या के बजाय संसाधन बनाने की जरूरत बताई

  • कैंट स्वच्छता चौपाल का कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री

  • गणेश जोशी और विधायक सविता कपूर ने किया समापन

देहरादून। गढ़ी कैंट स्थित दून कैंट स्वच्छता चौपाल का शनिवार को उत्तराखंड को स्वच्छ और सुन्दर बनाने के संकल्प के साथ संपन्न हुआ। चौपाल के दूसरे दिन माउंटेन स्वच्छता टेक्नोलॉजी चैलेंज लॉन्च किया गया. इस चैलेंज के माध्यम से कंपनियों, स्टार्ट अप्स और छात्र-छात्राओं को ऐसी तकनीकी ईजाद करने की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया गया, जो पहाड़ी ढलानों से कचरा कलेक्ट करने में सक्षम हो। शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने स्वच्छता चौपाल का समापन किया. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने समापन समारोह की अध्यक्षता की, जबकि विधायक सविता कपूर विशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद थी। वक्ताओं ने इस बात को मुख्य रूप से रेखांकित किया कि कचरे को समस्या के बजाय संसाधन बनाएं।
कैंट स्वच्छता चौपाल के दूसरे दिन इस बात पर  खास चर्चा हुई की अब तक स्वच्छता के लिए जो मशीने बनी हैं, वे मैदानी क्षेत्रों के लिए हैं। पर्वतीय और हिमालयी क्षेत्रों में पहाड़ी ढलानों और दुर्गम पहाडिय़ों से कचरा कलेक्ट करने की अभी कोई तकनीकी उपलब्ध नहीं है। माउंटेन स्वच्छता टेक्नोलॉजी चैलेंज के माध्यम से स्वच्छता के लिए मशीनें बनाने वाली कंपनियों के साथ ही स्टार्ट अप्स और विद्यार्थियों को इस तरह की कोई तकनीकी ईजाद करने के लिए प्रेरित किया गया, जिससे कि दुर्गम पहाड़ी ढलानों से कचरा कलेक्ट किया जा सके। कैबिनेट मंत्री डा. अग्रवाल ने उत्तराखंड के भौगोलिक दृष्टिकोण से इसे एक अभिनव पहल का दर्जा दिया।
स्वच्छता चौपाल के दूसरे दिन की शुरुआत चौपाल पर चर्चा से हुई। वक्ताओं का कहना था कि कंपनियों के लिए अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए यह मंच महत्वपूर्ण साबित होगा और कचरे को लेकर आम जनमानस में जो धारणा है, उसमें बदलाव आएगा. वक्ताओं ने स्वच्छता चौपाल को कूड़े की नुमाइश के रूप से रेखांकित किया। कचरा सेग्रीगेशन को चर्चा का चौपाल में स्वच्छता का मूल मंत्र बताते कहा गया कि कचरे को समस्या के बजाय संसाधन बनाने की दिशा में काम किया जाना चाहिए. इससे एक तरफ जहां जगह-जगह बिखरे कचरे की समस्या हल होगी, वहीं दूसरी तरफ कचरे से आर्थिक लाभ भी हो सकेगा।
दिन का पहला पैनल डिस्कशन स्वच्छ स्टार्ट अप और इनोवेशन के उभरते परिदृश्य पर केन्द्रित था. कार्यक्रम के आखिरी पैनल डिस्कशन में स्वच्छता कार्यकर्ताओं के निजी जिन्दगी में सामने आने वाली समस्याओं और जटिलताओं पर था. इस पैनल डिशक्शन में चार ऐसे सफाई मित्रों को सामने लाया गया जो कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इन कार्यकर्ताओं ने सफाई के काम में आमतौर पर सामने आने वाली समस्याओं के बारे में अपने अनुभव बताये.
जिन 51 कंपनियों ने चौपाल में आयोजित प्रदर्शनियों में हिस्सा लिया. समापन समारोह में उन्हें सर्टिफिकेट दिये गये. मुख्य अतिथि प्रेम चंद अग्रवाल और अन्य अतिथियों ने कंपनियों के लिए इस कार्यक्रम को अति  महत्वपूर्ण बताया।
समापन समारोह में मौजूद लोगों को राज्य को स्वच्छ और सुन्दर बनाने की भी शपथ दिलाई गई। समारोह में मौजूद अतिथियों, अधिकारियों, नगर निकाय प्रतिनिधियों और बड़ी संख्या में मौजूद छात्र-छात्राओं ने अपने घर से कचरा अलग करने, सिंगल प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने और इस वर्ष कम से कम पांच लोगों को इस मुहिम से जोडऩे का संकल्प लिया।

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