उत्तराखण्डदेहरादून

अच्छी पहल: मेरी लाईफ, मेरा स्वच्छ शहर” कार्यक्रम का आगाज,  महापौर   गामा  एवं नगर आयुक्त  गोयल  ने  रीसाइकिल, रिड्यूस, रीयूज का उदघाटन कर की  शरूआत ,  बड़ी तादाद में  लोगों ने दिया पुराना सामान

देहरादून।  नगर निगम देहरादून  की और से मेरी लाईफ, मेरा स्वच्छ शहर” कार्यक्रम का शुभारंभ नगर निगम हॉल पर शनिवार को किया गया।
महापौर  सुनील उनियाल गामा एवं नगर आयुक्त  मनुज गोयल   ने  रीसाइकिल, रिड्यूस, रीयूज का उदघाटन कर इसकी शरूआत की । बड़ी संख्या मे आज लोगों  के द्वारा यहाँ अपना पुराना सामान भी दिया गया।
मनुज गोयल  ने  कहा  कि इन केंद्रों में नागरिक अपने घरों में उपयोग योग्य कपड़े, पुरानी किताबें और स्टेशनरी, खिलौने, फर्नीचर, जूते, बैग और इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि जैसे अतिरिक्त सामान जमा कर सकते हैं। उनके मुताबिक शहरवासियों को घर में अतिरिक्त सामान निपटाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, उक्त केंद्र उनकी सुविधा के लिए काफी फायदेमंद साबित होगे। वहीं कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति इन केंद्रों में एकत्रित सामान को अपनी जरूरत के हिसाब से ले जा सकता है। लोगों को अपनी  पुरानी चीजें यहां देने की अपील भी  की गयी।
आज पूरे भारत वर्ष मे इसका शुभारम्भ किया जा रहा है और 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर सफाई अभियान  किया जाएगा। साथ ही शहर भर मे लोगो को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम भी किए जायेंगे।
महापौर  सुनील उनियाल गामा  ने सभी को स्वच्छता शपथ भी दिलाई गयी एवं  कहा  कि  जो चीज आपके लिए उपयोगी नहीं हो सकती वह हो सकता है की किसी और के लिए बहुत उपयोगी हो तो सभी कोशिश करे  कि इस अभियान से जुड़ उन् सभी की मदद को आगे आए और दान कर दूसरो को भी ख़ुशी दें।
कार्यक्रम मे सहायक नगर आयुक्त  शांति प्रसाद जोशी, पार्षद मनुज कौशिक ,  राकेश डंगवाल , वेस्ट वारियर्स संस्था से नवीन कुमार सडाना , मितली रावत आदि उपस्थित रहे।

पूरे शहर में की गई  50  आरआरआर  केंद्रों की  स्थापना
देहरादून। नगर निगम द्वारा पूरे शहर मे 50  आरआरआर  केन्द्रो की भी स्थापना की गयी है ताकि लोगो को असुविधा न हो और वह अपना अनुपयोगी कपड़े, जूते/चप्पल, खिलौने, ठोस प्लास्टिक और इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि दान स्वरुप  दे सकें।
आज स्वयं सहायता समूह जिसमे संरक्षण समिति , सहेली ट्रस्ट, सांख्ययोग फाउंडेशन, अपेक्षा समूह, आकृति स्वयं सहायता समूह को ररर पोस्टर भी प्रदान किये गए।  आज के इस अभियान मे  स्वयं सेवियों को साथ जोड़ने के लिए एक एप भी लांच किया गया।
इन केंद्रों को
बनाने के लिए प्लास्टिक कचरे से निर्मित टेबल, कुर्सी ,लैंप ,बीन आदि का प्रयोग किया गया है और लोगो से इस के माध्यम से अपील भी की गयी है की वह अपने कचरे को अलग करे ताकि इस प्रकार की वस्तुओ का निर्माण हो सके।

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