ग्राम्य विकास मंत्री जोशी ने की विभागीय समीक्षा , केंद्र एवं राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करें ,पीएमजीएसवाई के निर्माण कार्यों में तेजी लाने को कहा
देहरादून। ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने बुधवार को ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा की। बैठक के दौरान जोशी ने अधिकारियों से विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
विभागीय मंत्री जोशी ने ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत संचालित केन्द्र पोषित योजनाओं ( महात्मा गॉधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी योजना, दीनदयाल अन्त्योदय योजना- एन.आर.एल.एम.ए प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना आदि अन्य योजनाएं), राज्य पोषित योजनाओं ( प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मेरा गांव मेरी सड़क, मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास योजना तथा वाह्य सहायतित योजना (एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना) के बारे में अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। जोशी ने बैठक के दौरान पीएमजीएसवाई के निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। मंत्री जोशी ने पीएमजीएसवाई के अंतर्गत सभी सड़को के कार्यों को तय समय सीमा के भीतर कार्य करने के निर्देश दिए।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि आजीविका पैकेज के अन्तर्गत 13500 परिवारों को आजीविका संसाधनों से जोड़ा गया। ग्राम्य विकास विभाग की और से संचालित प्रत्येक योजनाओं के क्रियान्वयन में दो से ढाई गुना वृद्धि हुई है। मंत्री जोशी ने अधिकारियों को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत लक्ष्य के सापेक्ष अवशेष आवास निर्माण कार्यों में तेजी से कार्य करने के भी निर्देश दिए। जोशी ने अधिकारियों को केंद्र एवं राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने के निर्देश दिए।
जोशी ने अधिकारियों को पीएमजीएसवाई की सड़को पुलों का निर्माण भवनों के निर्माण समय सीमा के भीतर पूर्ण किए जाए। उन्होंने अधिकारियों को भविष्य की दीर्घकालिक योजनाओं की चुनौतियों और समाधान को लेकर भी आवश्यक दिशा निर्देश। मंत्री ने अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों का कार्य मिल सके इसके लिए एक कार्य योजना तैयार करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए गए।ग्राम्य विकास मंत्री ने कहा कि किसी भी विभाग का ग्रामीण क्षेत्र में निर्माण का कार्य चल रहा हो उसमे स्थानीय ग्रामीण वासियों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ आपसी समन्वय बनाकर एक ठोस रणनीति बनाने के भी अधिकारियों को निर्देशित किया।