Burning Issue: टमाटर के आसमान छूते दाम: रसोई का बजट बिगड़ा, भोजन का स्वाद हुआ फीका ,दुकानदार किलो के बजाय पाव में बता रहे दाम, महंगे दामों पर बेचकर काट रहे चांदी
प्रति किलो ₹ 100, 150 व 200 तक राजधानी में बिक रहा टमाटर
महंगा होने के कारण लोगों की पहुंच से दूर हो गया टमाटर
एस. आलम अंसारी
देहरादून: टमाटर के आसमान छूते दामों ने एक और जहां रसोई का बजट बिगड़ा हुआ है वही सब्जी का स्वाद भी फीका कर रखा है। इन दिनों उत्तराखंड में भी टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं।टमाटर के दाम बढ़ने से लोगों को जरूरत से ज्यादा अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है। हालात ऐसे बन गए हैं कि किलो के स्थान पर अब सब्जी विक्रेता टमाटर के दाम पाव में बता रहे हैं। वहीं प्रदेश में टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी लगातार देखने को मिल रही है। ऐसा कोई दिन नहीं गुजर रहा है कि टमाटर के दामों में इजाफा देखने को नहीं मिल रहा है।
जरूरत से ज्यादा महंगा होने के कारण टमाटर लोगों के घरों की रसोई से लगभग गायब सा हो रहा है।
लगातार तेज बारिश और उत्पादन का घटना इसकी वजह मानी जा रही है। जिससे सब्जियों की पैदावार पर बुरा असर डाला है। बारिश के चलते करीब-करीब सभी सब्जियां महंगी हो गई हैं। मगर सबसे ज्यादा बुरा हाल टमाटर की बढी हुई कीमतों ने ने किया हुआ है।राजधानी देहरादून में टमाटर 100, 150, 200 रुपए किलो तक बिक रहा है।
। दुकानदार टमाटर के दाम अब किलो में नहीं बल्कि पांव में बता रहे हैं व महंगे दामों पर टमाटर बेचकर चांदी काटने का काम कर रहे हैं। महंगा होने के कारण टमाटर लगातार लोगों की पहुंच से बाहर हो रहा है। हालात कुछ ऐसे बन रहे हैं कि बहुत से गरीब लोगों ने तो महंगा होने के कारण टमाटर खाना ही छोड़ दिया है। पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे लोगों को अब टमाटर के साथ ही अन्य सब्जियों के बढ़े हुए दामों के कारण अपनी जेब जरूरत से ज्यादा ढीली करनी पड़ रही है। वही कुमाऊं मंडल में भी कई जनपदों में टमाटर महंगे हुए दामों पर बिक रहा है। उधम सिंह नगर में थोक में टमाटर 140 और रिटेल में ₹160 किलो तक बिक रहा है।
टमाटर के साथ अन्य सब्जियों के बढ़े दाम भी ढीली कर रहे जेब
देहरादून। देश के साथ ही उत्तराखंड में भी टमाटर महंगा बिक रहा है बल्कि टमाटर के साथ ही कई अन्य सब्जियों के जरूरत से ज्यादा बढ़ने के कारण लोगों की जेब ढीली करने हो रही है। इन दिनों देहरादून के साथ ही कई अन्य स्थानों पर लौकी, भिंडी, तोरी और शिमला मिर्च जैसी आम से भी अभी जरूरत से ज्यादा महंगी बिक रही है। लौकी का रेट प्रति किलो ₹50 से ज्यादा चल रहा है जबकि शिमला मिर्च 100 से ₹120 किलो बिक रही है। भिंडी भी 80 से ₹100 किलो हो रही है। बैंगन, कद्दू कटहल भी बरसात होने के बावजूद महंगा बिक रहा है।
टमाटर की बढ़ती कीमतों और मुनाफाखोरी पर रोक को डीएम देहरादून ने गठित की टीम
देहरादून। टमाटर की बढ़ती दर को नियंत्रित रखने और मुनाफाखोरी पर रोक लगाने के लिए देहरादून में जिलाधिकारी ने टीम का गठन किया है। गठित टीम मुनाफाखोरी करने वालों के खिलाफ अधिनियमों के तहत प्रभावी कार्यवाही करने का काम करेगी। जिससे आम जनता को बढ़े हुए दामों में टमाटर नहीं खरीदने पड़े। आम जनता को दुकानदार 100 से 110 रुपए तक बेच सकते हैं।
महिलाओं की सबसे ज्यादा बढ़ रही चिंता
देहरादून: घर और रसोई के बजट को संभालने वाली महिलाओं की चिंता एक ग्रहणी के तौर पर सबसे ज्यादा बढ़ रही है। टमाटर के आसमान छूते दामों ने उनके बजट को सबसे ज्यादा बिगड़ा हुआ है ।वहीं अन्य समझा भी बरसात के मौसम के बावजूद कहीं ज्यादा महंगी बिक रही हैं। सब्जी और टमाटर के साथ साथ ही अदरक लगभग ₹280 किलो, हरी मिर्च 100 से ₹120 किलो और लहसुन भी लगभग ₹280 किलो बिक रहा है । सब्जी और टमाटर के साथ ही भोजन बनाने के लिए अदरक ,लहसुन और हरी मिर्च की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। यह सब भी इन दिनों बहुत ज्यादा महंगा बिक रहा है। महंगाई की मार पहले से ही झेल रही महिलाएं अब टमाटर और सब्जियों के बढ़े हुए दामों के कारण सबसे ज्यादा चिंतित और दुखी महसूस कर रही हैं।
कृषि मंत्री जोशी ने मंडी से बाहर टमाटर को अधिक दामों पर बेचने पर अपनाया सख्त रूख
देहरादून। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने भी टमाटर के आसमान छू के दामों को देखते हुए बीते दिवस देहरादून सब्जी मंडी का निरीक्षण किया ।
कृषि मंत्री जोशी ने मंडी में आढतियों से टमाटर के मूल्य की भी जानकारी प्राप्त कर कृषि मंत्री ने मंडी से बाहर टमाटर को अधिक दामों पर बेचने पर तत्काल मौके पर ही टेलीफोन के माध्यम से सचिव कृषि को प्रदेश के सभी जनपदों को आदेश जारी करने और सभी दुकानदारों को अपनी दुकान में रेट लिस्ट लगाने के लिए आदेश जारी करने के निर्देश दिए थे ताकि आम जनता को राहत मिल सके।
इसके अलावा कृषि मंत्री ने मंडी समिति के सचिव को निर्देशित किया कि शहर के विभिन्न स्थानों में मंडी की तरफ से काउंटर लगाए जाएं ताकि आम जनता को राहत मिल सके।