भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी चौहान ने दी नसीहत , यह वक्त पीड़ितों के आँसू पोंछने का, कांग्रेस को धैर्य की जरूरत, संवेदनहीन राजनीति कर रही कांग्रेस, किसी भी आपदा को अवसर मानना उसका शगल
दुख की इस घड़ी में कई परिवारों के चूल्हे ठंडे , कांग्रेस भड़का रही अपने राजनैतिक चूल्हे की आग
देहरादून । भाजपा ने चमोली हादसे को लेकर कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन को संवेदनहीन करार देते हुए कहा कि उसे जनसरोकारों से कोई वास्ता नही और किसी भी आपदा को अवसर के रूप मे देखती है। यह समय पीड़ितों के आंसू पोंछने का है, न बल्कि अवसर मानकर राजनीति करने का।
प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने पार्टी मुख्यालय में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि चमोली में करंट से हुई मौतों से प्रदेश में आज गम का माहौल है । इस समय पीड़ित परिजनों के आँसू पोंछने का समय है और लोग इसमे लगे भी है। सांत्वना देने वाले लोग उनके घरों मे जमे हैं और इस दुखद घडी में पूरा प्रदेश उनके साथ खड़ा है। लेकिन कांग्रेस कहाँ खड़ी है इस पर उसे सोचने की जरूरत है?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट मौके पर परिजनों से मिलने गए और हर संभव मदद का भरोसा दिया है। मामले की मजिस्ट्रेटी जाँच के आदेश दिये गए है और एक सप्ताह मे रिपोर्ट भी आयेगी। मृतक आश्रितों को 5 लाख और तत्काल एक लाख देने के निर्देश सीएम ने दिये है। घायलों के लिए बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही हैं । मामले की न्यायिक जांच की घोषणा की गई है ताकि हादसे के पीछे सच्चाई सामने आ सके ।
चौहान ने कहा कि दुख की इस घड़ी में कई परिवारों के चूल्हे ठंडे है और कांग्रेस अपने राजनैतिक चूल्हे की आग भड़का रही है । जानकारी मिलते ही प्रशासन ने राहत कार्यों को तीव्र गति से अंजाम दिया और मदद राशि का भी ऐलान हुआ है । अब तक तत्काल तौर पर जो भी कदम सरकार ने उठाये हैं वह संतोषजनक है और कांग्रेस नेताओं को धैर्य रखने की जरूरत है। बेहतर होगा कि कांग्रेस नेता अपने कार्यकर्ताओं के साथ प्रभावित लोगों के बीच उनका दुखदर्द बांटने की कोशिश करते नजर आते।बिना तकनीकी और व्यवहारिक जांच रिपोर्ट के राजनैतिक लाभ के लिए अनर्गल व भ्रामक आरोप लगाए जा रहे हैं ।
चौहान ने कांग्रेस नेताओं पर भी निशाना साधते हुए कहा कि एक ओर दुख जताने का ढोंग रचा जा रहा है और दूसरी और राजनीति के लिए अवसर ढूंढने को विरोध प्रदर्शन आयोजित किये जा रहे है।
कोरोना से लेकर वर्तमान मे आपदा और चमोली की इस दुखद घटना तक कांग्रेस का यही रवैया रहा है। दुख की घडी मे अगर, कांग्रेस पीड़ितों के आंसू पोंछने के लिए उनके बीच दिखती तो यह उसके रचनात्मक विपक्ष की साख को मजबूत करती, लेकिन वह विरोध के लिए विरोध की राजनीति कर रही है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।