प्रदेश के स्वास्थय मंत्री का पांच दिवसीय गढ़वाल दौरा: शहीदों के गांव जायेंगे डा. रावत , मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के तहत वीरों का करेंगे वंदन,शहीदों के आंगन की मिट्टी लेकर पहुचायेंगे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक
दौरे के दोरान अनेक कार्यक्रमों में शामिल होंगे कैबिनेट
मंत्री
अमर शहीद गब्बर सिंह के गांव मंज्यूड़ टिहरी गढ़वाल
पहुंचे
देहरादून ।कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत गढ़वाल मंडल के पांच दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान वह ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के तहत शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों के गांव पहुंचकर उनके परिजनों से मिलकर जहां एक ओर वीरों का वंदन कर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे वहीं दूसरी ओर विद्यालयों में आयोजित तिरंगा यात्रा में शिरकत करेंगे। इस अभियान के तहत देश के लिये अपनी शहदत देने वाले तमाम वीरों व स्वतंत्रता सेनानियों को यादकर उनकी स्मृति में ग्राम पंचायतों में स्मारक पट्टिका स्थापित कर पंच प्रण की शपथ के साथ शहीदों के आंगन की मिट्टी लेकर नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक भेजा जायेगा, जिसे ‘अमृत वाटिका’ में डाला जायेगा जोकि ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का भी भव्य प्रतीक बनेगी। कैबिनेट मंत्री डॉ. रावत ने टिहरी जनपद से इस अभियान का शुभारम्भ कर दिया है। डॉ. रावत शुक्रवार को प्रथम विश्व युद्ध के नायक और विक्टोरिया क्रॉस विजेता अमर शहीद गब्बर सिंह के गांव मंज्यूड़ पहुंचे, जहां उन्होंने शहीद गब्बर सिंह को श्रद्धाजलि अर्पित कर उनका वंदन किया।
कैबिनेट मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि वह ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के तहत 11 अगस्त से 15 अगस्त तक गढ़वाल मंडल के विभिन्न जनपदों टिहरी, हरिद्वार, पौड़ी व चमोली के भ्रमण पर निकले हैं। पांच दिवसीय भ्रमण के दौरान वह विभिन्न जनपदों में स्वतंत्रता सेनानियों एवं देश की रक्षा के लिये अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले शहीदों सीडीएस जनरल विपिन रावत, राइफलमैन जसवंत सिंह रावत, नायक सुबेदार सुरेन्द्र सिंह, हवलदार शम्भू प्रसाद, नायक सतपाल सिंह बिष्ट, कारगिल शहीद कृपाल सिंह एवं पेशावर कांड के नायक वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के गांव जायेंगे। जहां वह देश के लिये अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे। डॉ. रावत ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अह्वान पर 9 अगस्त से 15 अगस्त तक देशभर में ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत अमर शहीदों की याद में ग्राम पंचायतों में विशेष शिलालेख भी लगाए जा रहे हैं और वीरों के आंगन की मिट्टी एकत्रित की जा रही है, जिसे नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अमृत वाटिका की स्थापना के लिए आयोजित कलश यात्रा के माध्यम से पहुंचाया जायेगा।