डेंगू का कहर जारी : उत्तराखंड में 62 नए मरीज मिले, एक और की जान ली, प्रदेश में संख्या पहुंची 1106, देहरादून में सबसे ज्यादा 29 केस
देहरादून में अब तक डेंगू से हो चुकी 13 की मौत ,
देहरादून में मिल चुके सबसे ज्यादा 640 मरीज
एस.आलम अंसारी
देहरादून। उत्तराखंड में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है ।मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। देहरादून में
सबसे ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं। प्रदेश में
शनिवार को डेंगू 62 मरीज मिले हैं। डेंगू से एक मरीज की मौत एसएमआई अस्पताल देहरादून में हुई है । प्रदेश में इस समय 235 डेंगू के एक्टिव कैसे हैं जबकि 858 मरीज ठीक हो चुके हैं।
प्रदेश में डेंगू का केंद्र बिंदु बने देहरादून में अब तक 13 लोग अपनी जान डेंगू से गंवा चुके हैं। प्रदेश में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 1106 हो गई है। प्रदेश के अलग-अलग जनपदों पर नजर डालें तो
सबसे ज्यादा जनपद देहरादून में डेंगू के 29 केस पॉजिटिव पाए गए हैं। इन सभी मरीजों को चिकित्सालयों में उपचार के लिए भर्ती किया गया है । डेंगू के उपचार के बाद 21 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है। जनपद में जो 29 मरीज मिले हैं, उनमें कोरोनेशन अस्पताल 8, जीडीएमसी 4,
, सीएमआई हॉस्पिटल
में 3, कैलाश अस्पताल में 3 और एसपीएस ऋषिकेश में 3, महंत इंद्रेश अस्पताल में 7 मरीज भर्ती हुए हैं। कुल 1799 सैंपल लिए गए। शनिवार को महंत इंद्रेश
अस्पताल में इलाज के दौरान 1 डेंगू मरीज की मौत हुई है। अब तक जनपद में 13 लोगों की जान डेंगू के कारण जा चुकी है। अब तक देहरादून जनपद में डेंगू के 640 मरीज मिले हैं उनमें से 609 ठीक हो चुके हैं। शुक्रवार को भी 21 मरीजों को अलग-अलग अस्पतालों से छुट्टी दी गई । प्रदेश के अन्य जनपदों पर नजर डालें तो उधम सिंह नगर में 5 , नैनीताल में 1, हरिद्वार में 26 मरीज मिले हैं। अब तक हरिद्वार में 191, नैनीताल में 136, पौड़ी गढ़वाल में 99 ,उधम सिंह नगर में 23, अल्मोड़ा में तीन, बागेश्वर में दो ,चमोली में आठ और रुद्रप्रयाग में 4 मरीज मिल चुके हैं।
डेंगू कंट्रोल रूम से कॉल पर लें सहायता
डेंगू से संबंधित किसी भी सहायता के लिए संचालित डेंगू कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबर 1800 180 2525 पर कॉल कर सकते हैं। कंट्रोल रूम द्वारा वर्तमान में चिकित्सालयों में बेड की उपलब्धता, रक्त-प्लेटलेट्स की उपलब्धता, चिकित्सकीय सलाह, फॉगिंग के लिए अनुरोध तथा चिकित्सालयों द्वारा डेंगू के उपचार व जांच में मानक से अधिक शुल्क लेने की शिकायत की जा सकती है।