कृषि मंत्री जोशी ने किया हरिद्वार के पहले जैविक आलटलेट ‘‘3के कैलाश गंगा‘‘ का उद्घाटन, कहा-जैविक खेती से जुड़े कृषकों को अपनी उपज बेचने को स्थानीय बाजार मिलेगा , रोजगार सृजन भी होगा
क्षेत्रीय सांसद डॉ निशंक रहे मौजूद
कहा, प्रदेश में 2.30 लाख है० क्षेत्रफल में 4.47 लाख कृषकों को जोड़ते हुए की जा रही जैविक खेती
हरिद्वार । प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने हरिद्वार में परम्परागत कृषि विकास योजना के अर्न्तगत जनपद हरिद्वार के प्रथम जैविक आलटलेट ‘‘3के कैलाश गंगा‘‘ का विधिवत उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में परम्परागत रूप से राज्य के अलग-अलग भागों में कई फसलों कि खेती की जा रही है। राज्य स्थापना के बाद वर्ष 2003 में 178है0 क्षेत्रफल ही जैविक कृषि के अन्तर्गत पंजीकृत था। जिसके विस्तार के लिए वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार के सहयोग से संचालित परम्परागत कृषि विकास योजना तथा नमामि गंगे एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना आदि सहित प्रदेश में कुल 2.30 लाख है० क्षेत्रफल में 4.47 लाख कृषकों को जोड़ते हुए की जा रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि जनपद हरिद्वार में जैविक खेती के अन्तर्गत पी०जी०एस० एवं एन०पी०ओ०पी० प्रमाणीकरण प्रक्रिया अन्तर्गत कुल 17648 है0 क्षेत्रफल में 18666 कृषकों को शामिल करते हुए जैविक खेती की जा रही है। साथ ही जैविक खेती से उत्पादित जैविक उत्पादों के विपणन एवं कृषकों को उनकी उपज का प्रीमियम मूल्य दिलाये जाने के लिए आउटलेट प्रदेश में खोले जा रहे है। इससे न केवल जैविक खेती से जुड़े कृषकों को अपनी उपज बेचने को स्थानीय बाजार प्राप्त होगा , बल्कि रोजगार सृजन भी होगा।
कृषि मंत्री ने कहा जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु प्रदेश के 10 विकासखण्डों को पूर्ण रूप से जैविक घोषित करने के साथ-साथ वर्ष 2019 में “उत्तराखण्ड ऑर्गेनिक एक्ट” भी लागू किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा कृषकों के हित में जैविक के साथ-साथ प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के सहयोग से 11 जनपदों में राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन वित्तीय वर्ष 2023-24 से शुरू किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा 6400 है0 में रू0 796.42 लाख की परियोजना संचालन के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है।
इस अवसर पर सांसद डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ व मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे।