पुष्कर सिंह धामी, मदन कौशिक व अजेय कुमार को बुलावा दिल्ली
मुख्यमंत्री की दौड़ में धामी चल रहे आगे
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत हासिल करने के बावजूद भाजपा विधायक दल के नेता के नाम को लेकर हो रहे विलंब के कारण मुख्यमंत्री पद के अन्य दावेदार भी अपनी संभावनाएं तलाशने लगे हैं।
अब दिल्ली की तरफ नजर गड़ाए हुए है। सोमवार को पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा उत्तराखंड के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक व सह पर्यवेक्षक के रूप में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी को नियुक्त कर दिया गया। पार्टी के केंद्रीय कार्यालय से इसकी विधिवत सूचना भी प्रदेश कार्यालय को भेज दी है। शीर्ष नेतृत्व के बुलावे पर कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक व प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार मंगलवार को दिल्ली जा रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष कौशिक ने इसकी पुष्टि की।
उन्होंने बताया कि तीनों ही राष्ट्रीय कार्यालय में आयोजित बैठक में भाग लेंगे। उधर, पार्टी ने नव निर्वाचित विधायकों को होली के बाद दून आने की सलाह दी है। ऐसे में समझा जा रहा है कि 19 मार्च को केंद्रीय पर्यवेक्षक यहां पहुंचेंगे और इसी दिन या फिर अगले दिन भाजपा विधायक दल की बैठक हो सकती है। दो-तिहाई जनादेश आने के बाद भी पिछले पांच दिन से मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ है। कारण यह कि विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार गए थे। यदि वह चुनाव जीत जाते तो किंतु-परंतु की गुंजाइश नहीं रहनी थी, क्योंकि पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व ने पहले ही उन्हें चेहरा घोषित किया था। अब सरकार के मुखिया के नाम को लेकर नजर केंद्रीय नेतृत्व पर टिक गई हैं।
मुख्यमंत्री की दौड़ में धामी आगे चल रहे हैं, लेकिन नेता के चयन में विलंब के कारण अन्य दावेदार भी अंदरखाने जोड़-तोड़ में जुट गए हैं। दावेदारों ने सार्वजनिक रूप से किसी भी तरह की बयानबाजी से बचते हुए दिल्ली में अपने-अपने संपर्कों को न सिर्फ सक्रिय किया हुआ है, बल्कि नेतृत्व तक अपनी बात भी पहुंचा रहे हैं। कुछ मंत्रियों और विधायकों की दिल्ली दौड़ को इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है।
वहीं, भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी रहे केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी और मतगणना के समय देहरादून भेजे गए राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय अपनी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंप चुके हैं।