उत्तरकाशी सुरंग हादसे का 10 वां दिन: राहत देने वाली खबर, सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों की पहली तस्वीरें आई सामने,सुरंग में फंसे मजदूरों से की गई बात पाइप से श्रमिकों तक बोतल में गर्म खिचड़ी भेजी, पाइप के माध्यम से मोबाइल व चार्जर भी भेजे जाएंगे
मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने को संघर्ष जारी,
श्रमिकों के सुरक्षित रेस्क्यू के लिए जुटी हुई हैं टीमें
उत्तरकाशी। मंगलवार को उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में पिछले दस दिनों से फंसे मजदूरों की पहली तस्वीरें सामने आई है। तस्वीरों में सुरंग में फंसे मजदूर सेफ्टी हेलमेट लगाए हुए नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने से उसमें फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने की मशक्कत अभी जारी है। इस बीच सुरंग में फंसे मजदूरों की पहली तस्वीरें सामने आई है। सामने आई तस्वीरों में सुरंग में फंसे मजदूर सेफ्टी हेलमेट लगाए हुए नजर आ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को पहली बार गर्म खाना भेजा गया।
वहीं एंडोस्कोपी प्लेकसी कैमरे को सुरंग के अंदर भेजा गया, कैमरे की इस फुटेज में फंसे सभी मजदूर एक साथ दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान मजदूरों से वॉकी-टॉकी पर बात भी की गई। 41 मजदूर पिछले 10 दिन से सुरंग में फंसे हुए हैं। रेस्क्यू टीम अभी तक उन्हें निकाल नहीं पाई है। मलबा ज्यादा होने और ऊपर से मिट्टी धंसने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है। इस बीच सोमवार (20 नवंबर) को 6 इंच की नई पाइप लाइन से पहली बार इन मजदूरों तक सॉलिड फूड पहुंचाने में कामयाबी मिली थी।
इधर बचाव अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने कहा कि मजदूरों को पाइप के माध्यम से मोबाइल और चार्जर भी भेजे जाएंगे। अधिकारियों ने कहा कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें स्टील पाइप के माध्यम से भोजन और पानी की आपूर्ति की जा रही है। गौरतलब है कि निर्माणाधीन सुरंग महत्वाकांक्षी चारधाम परियोजना का हिस्सा है, जो बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री तीर्थ स्थलों तक कनेक्टिविटी बढ़ाने की पहल है।
रेस्क्यू टीम ने इसी पाइप से इन मजदूरों को बोतल में गर्म खिचड़ी भेजी। इतने दिनों से सही अच्छे से खाना नहीं मिल पाने से वे कमजोर हो चुके हैं। टनल में फंसे हुए 41 मजदूरों के लिए हेमंत नाम के रसोइये ने खिचड़ी बनाई। उन्होंने बताया कि यह पहली बार है कि मजदूरों के लिए गर्म खाना भेजा जा रहा है। रेस्क्यू टीम ने बताया कि, हम सिर्फ खिचड़ी ही भेज रहे हैं। हमें केवल वही खाना बनाना है, जिसकी हमें सिफारिश की गई है। मजदूरों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए डॉक्टरों की मदद से एक चार्ट तैयार किया गया है। हम चौड़े मुंह वाली प्लास्टिक की सिलेंड्रिकल बोतलों में केले, सेब, खिचड़ी और दलिया भेज रहे हैं।
12 नवंबर को हुआ था टनल हादसा
ब्रह्मखाल-यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन 4.5 किलोमीटर लंबी सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा 12 नवंबर को धंस गया था। चारधाम प्रोजेक्ट के तहत यह टनल ब्रह्मखाल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही है.श। हादसा 12 नवंबर की सुबह 4 बजे हुआ था।टनल के एंट्री पॉइंट से 200 मीटर अंदर 60 मीटर तक मिट्टी धंसी इसमें 41 मजदूर अंदर फंस गए।