ईजा बैंणी महोत्सव में पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने नैनीताल जिले के लिए की कई घोषणाएं , सीएम ने पारंपरिक मिट्टी का घड़ा बनाकर लोकल फॉर वोकल को किया प्रमोट
हथकरघा, ऐपन, स्वयं सहायता समूह के लगभग 40 स्टालों की प्रदर्शनी लगाई गई
हल्द्वानी: नैनीताल के हल्द्वानी स्थित एमबी इंटर कालेज में गुरुवार को ईजा- बैंणी महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें नैनीताल समेत अन्य जिलों से करीब 40 स्वयं सहायता समूहों ने पहाड़ी उत्पादों के स्टाल लगाए।
ईजा बैंणी महोत्सव में पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिले के लिए कई महत्त्वपूर्ण घोषणाएं की। जिसमें मुख्य रूप से जम्मू कश्मीर राजौरी में शहीद संजय बिष्ट की याद में रातीघाट स्थित इंटर कालेज को शहीद संजय बिष्ट इंटर कालेज के साथ हली मोटर मार्ग को शहीद संजय बिष्ट के नाम से जानने की घोषणा की। साथ ही राजकीय इंटर कालेज कालाढूंगी में सड़क का विस्तार, हल्द्वानी गौवंश संरक्षण के लिए जल्द ही गौशाला निर्माण, शीशमहल स्थित फिल्टर प्लांट का क्षमता विकास, रानीबाग पुल का निर्माण करने की बात कही।
वहीं महोत्सव में लाइव कला का प्रदर्शन कर रहे कुम्हार के साथ घड़ा बनाने में हाथ बढ़ाकर सीएम ने कारीगरों का मनोबल और मान बढ़ाया। वहीं वोकल फॉर लोकल उत्पादों का प्रोत्साहित भी किया। उन्होंने कहा कि लोकल उत्पाद पहाड़ की पहचान के साथ ही राज्य की आर्थिकी में भी सहायक है। विदेशों में उत्तराखंड के हथकरघा और हस्तकला की मांग बढ़ती जा रही है। हमें राज्य की कलाओं को संरक्षण और संवर्धन के साथ ही बेहतर ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर भी कार्य रहे है जिससे कलाकारों को उनके उत्पादों की विदेशों के साथ ही देश में भी उचित दाम मिल सके। महोत्सव में लगभग 40 स्टालों की प्रदर्शनी लगाई गई और उनकी अच्छी खासी बिक्री भी हुई।
हल्द्वानी हरित कोयला परियोजना, किया गया MoU
नगर निगम हल्द्वानी-काठगोदाम एवं एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएन) के मध्य एमओयू किया गया। अनुमानित परियोजना लागत ₹ 230 Cr है जिसे एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड एनवीवीएन), एनटीपीसी लिमिटेड द्वारा ही वहन किया जाना है। यह उत्तराखंड की प्रथम सुविधा है जो नगरीय ठोस अपशिष्ट को हरित चारकोल में बदलेगी। गौला रौखड़ (गौला बायपास रोड), हल्दवानी में प्लांट प्रस्तवित है।
भारत सरकार के द्वारा अत्मनिर्भर भारत अभियान का समर्थन करने के लिए हल्द्वानी में एक “वेस्ट टू चारकोल” सुविधा स्थापित की जाएगी। जिसमें नगर निगम द्वारा एकत्रित किया गया 500 टन प्रति दिन (टीपीडी) नगरीय ठोस अपशिष्ट (एम.एस.डब्ल्यू.) को चारकोल में प्रसंस्कृत किया जायेगा। यह सुविधा पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित होगी और भारत सरकार के अत्मनिर्भर भारत अभियान का समर्थन करेगी।
यह परियोजना हल्द्वानी के लिए महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष लाभ प्रदान करेगी, जो कूड़े से मुक्त शहरों के रूप में होगा, जो भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा। इस परियोजना से कार्बन उत्सर्जन में 1.5 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड में कमी की उम्मीद है।
झंगोरे की खीर, मंडवे की पूरी, पिंडालु, दाल के पकोड़े, गहथ के दुबके का स्वाद लिया
पहाड़ का मोटा अनाज यानी श्री अन्न द्वारा निर्मित स्वादिष्ट व्यंजनों का स्टालों से प्रदर्शन किया गया। महोत्सव में पहुंचे लोगों ने झंगोरे की खीर, मंडवे की पूरी, पिंडालु, दाल के पकोड़े, गहथ के दुबके आदि का स्वाद लिया। राज्य के उत्पाद अपने स्वाद के साथ ही पौष्टिकता से भरपूर है। जहां कंडाली का सेवन एनीमिया में फलदायक है, वही मंडवे में दूध से अधिक कैल्शियम पाया जाता है।