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कैबिनेट मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा, उत्तराखण्ड तेजी से निवेश के लिये मुख्य गंतव्य स्थल के रूप में हुआ है विकसित, वर्तमान में देश की सबसे तेजी से बढ़ती राज्यों की अर्थव्यवस्थाओं में से एक है उत्तराखण्ड 

कहा , अवसंरचना में कई क्षेत्रों का मेल होने के कारण अर्थव्यवस्था में इसके गुणक प्रभाव होते हैं  अधिक
कैबिनेट मंत्री ने उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समित 2023 के दूसरे दिन प्रथम सत्र में देश व विदेश से पहुंचे निवेशकों को दिया इंफ्रास्ट्रक्चर पर संबोधन
एस.आलम अंसारी 
देहरादून ।कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने उत्तराखण्ड ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 के दूसरे दिन के प्रथम सत्र में देश व विदेश से पहुंचे निवेशकों को इन्फास्ट्रक्चर पर संबोधन दिया। इस दौरान जनरल बिपिन रावत को भी श्रद्धांजलि दी गई।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि अवसंरचना में कई क्षेत्रों का मेल होने के कारण अर्थव्यवस्था में इसके गुणक प्रभाव अधिक होते हैं। केन्द्र और राज्यों में व्यापक योजना के साथ और अधिक समन्वय लाने के लिये सितम्बर, 2022 में पीएम गति शक्ति कार्यकम आरम्भ किया गया। परिवहन के विकास तथा अन्तिम छोर तक त्वरित वितरण के उद्देश्य से राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति भी लागू की गई है। इसके माध्यम से देश में लॉजिस्टिक्स लागतों को कम करना है। वर्तमान में ये लागतें जीडीपी का लगभग 14-15 प्रतिशत है, जिसे वर्ष 2030 तक 8 प्रतिशत की कमी लाना है। उन्होंने  कहा कि इसके माध्यम से देश से निर्यात वृद्धि के साथ-साथ एमएसएमई को बढ़ावा देना है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि वैश्विक स्तर पर हो रहे परिवर्तनों के दृष्टिगत डिजिटल और संचार विकास पर भी सतत् जोर दिया जा रहा है। एक ऐसे समूह, जब एक बुनियादी टेलीफोन कनेक्शन को एक विलासिता की वस्तु के रूप में देखा जाता था, से एक ऐसे चरण तक पहुंच गये हैं, जहां अधिकांश व्यक्तियों के पास मोबाईल कनेक्शन हैं। भारत में डिजिटल इण्डिया की कान्ति विश्व के लिये एक उदाहरण है।  उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य गठन के बाद से 23 वर्ष पूर्ण कर एक वयस्क राज्य के रूप में प्रतिस्थापित हो चुका है। इन 23 वर्षों में विकास की ओर अग्रसर उत्तराखण्ड राज्य तेजी से निवेश के लिये मुख्य गंतव्य स्थल के रूप में विकसित हुआ है और वर्तमान में देश की सबसे तेजी से बढ़ती राज्यों की अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उत्तराखण्ड राज्य भी देश की तरह सबसे युवा आबादी वाले राज्यों में से एक है।
कहा , हमारे उद्यमी ही हमारे ब्रांड एंबेसडर 
कैबिनेट मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि राज्य गठन के समय उत्तराखण्ड में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के 14,163 उद्यम तथा बृहत श्रेणी के 38 उद्यम कार्यरत थे। इन उद्यमों में कुल रू0 8,993.96 करोड़ (रू० 700.29 करोड़ + रु0 8,293.67 करोड) का पूंजी निवेश तथा 68,660 (38,509 + 29,151) लोगों को रोजगार उपलब्ध था। कहा कि वर्ष 2003 के पश्चात पैकज अवधि के दौरान राज्य में 27,344, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों तथा 232 बृहत उद्यमों की स्थापना हुई है, जिनमें लगभग रू0 34,933 करोड़ (रू० 8273.23 + रू0 26,659.78 करोड़) का पूंजी निवेश तथा 2,34,015 (1,63,137 + 70,878) लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है। पैकेज समाप्त होने के बाद वर्ष 2013-14 से वर्ष 2022-23 तक 36033 सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम व 60 बृहत उद्यम स्थापित हुए हैं, जिनमें रू0 10329 करोड़ (रू0 7228.83 + रू0 3099.93 करोड़) का पूंजी निवेश तथा 214648 (203288 + 11360) लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है।
उन्होंने कहा कि ये आंकड़े इस बात के द्योतक हैं कि सरकार द्वारा लागू नीतियों एवं कार्यकमों ने निवेशकों का विश्वास प्राप्त किया है और उत्तराखण्ड देश के प्रमुख औद्योगिक रूप से सुदृढ़ राज्यों की श्रेणी में शामिल है।
कैबिनेट मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि हमारे उद्यमी ही हमारे ब्रांड एंबेसडर हैं, जो राज्य में निवेश के सतत् प्रवाह को चनाये हैं।
लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के विकास को पृथक से राज्य की लॉजिस्टिक्स नीति की गई लागू 
डॉ अग्रवाल ने कहा कि भारत सरकार द्वारा जारी राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के समन्वय एवं राज्य के भीतर लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के विकास के लिए  पृथक से राज्य की लॉजिस्टिक्स नीति लागू की है, जिसमें रू0 32 करोड़ तक के प्रोत्साहन अनुमन्य किये गये हैं। औद्योगिक अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं डेडिकेटेड औद्योगिक पार्कों की स्थापना में निजी पूंजी निवेश को बढ़ावा दिये जाने के लिए  भी पृथक से नीति प्रख्यापित की गई है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में रेल, सड़क एवं हवाई कनेक्टीविटी में लगातार सुधार हो रहा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के निकट होने के कारण व्यापार और वाणिज्यिक हब और पड़ौसी राज्यों के साथ उत्कृष्ट कनेक्टीविटी का अतिरिक्त लाभ ले रहा है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेलवे लाईन तथा हरिद्वार, ऋषिकेश, बद्रीनाथ और केदारनाथ को जोड़ने के लिये ऑल वेदर रोड का निर्माण राज्य के भीतर कनेक्टीविटी बढ़ाने के लिये किया जा रहा है।

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