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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सीएम  पुष्कर धामी ने पतंजलि गुरूकुलम’ एवं ’आचार्यकुलम’ का भूमि पूजन कर किया शिलान्यास ,बोले  – भारत की नैतिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने के लिए देश में और अधिक स्थापित हों गुरुकुल 

गुरुकुलों से अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में अग्रसर होने का किया आह्वान
हमारे ज्ञान का विशाल भंडार पूरी दुनिया को है समर्पित
हरिद्वार।  केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को स्वामी दर्शनानन्द गुरूकुल महाविद्यालय, हरिद्वार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल एवं योग गुरु स्वामी रामदेव की उपस्थित में ’पतंजलि गुरूकुलम’ एवं ’आचार्यकुलम’ का भूमि पूजन कर शिलान्यास किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि देश में गुरूकुलों में न केवल आधुनिक शिक्षा प्रदान की जाए, बल्कि भारत की नैतिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने के लिए और अधिक गुरुकुल स्थापित किए जाने चाहिए। ऐसे समय में जब विदेशी संस्कृति के अनुकरण के कारण नैतिक मूल्यों का ह्रास हो रहा है, युवाओं को नैतिक मूल्यों के समावेश के साथ आधुनिक शिक्षा प्रदान करने के लिए गुरुकुलों को यह दायित्व निभाने के लिए आगे आना चाहिए।
उन्होंने गुरुकुलों से आज के निरंतर विकसित हो रहे समय के साथ तारतम्य बिठाते हुए पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम प्रौद्योगिकी जैसी उभरती और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में अग्रसर होने का आह्वान किया। “ऐसी प्रौद्योगिकियां विकसित करें जो देश को इस क्षेत्र में अग्रणी बनायें। उन्होंने कहा कि गुरुकुलों को अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए मार्गदर्शक के रूप में कार्य करना चाहिए, आने वाले समय में वे एक बार फिर देश और उसकी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करें और भारत की नई पहचान बनें। रक्षा मंत्री ने कहा कि “लगभग 1,500 वर्ष पूर्व भारत में कई बड़े विश्वविद्यालय थे, जिनमें गुरुकुल परंपरा प्रचलित थी। उसके बाद, देश ने विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा उस व्यवस्था को लगभग नष्ट होते हुए देखा। बदले में, उन्होंने एक ऐसी प्रणाली विकसित की जो हमारे युवाओं को देश की सांस्कृतिक भावना के अनुरूप शिक्षा प्रदान नहीं करती थी। रक्षा मंत्री ने कहा कि उस दौरान, स्वामी दर्शनानंद जी ने इस गुरुकुल की स्थापना की, जो तत्कालीन समय से हमारी युवा पीढ़ियों को ज्ञान और संस्कृति के माध्यम से  दीप्तिमान कर रहा है।”इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सात प्रमुख नगरियों में से मध्य प्रदेश की अवन्तिका नगरी तथा यहां की मायापुरी प्रमुख हैं। कार्यक्रम में केन्द्रीय कानून मंत्री  अर्जुन राम मेघवाल, सांसद सुधांशु त्रिवेदी, भारतीय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन  एमपी सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये। योग गुरू स्वामी रामदेव एवं आचार्य बालकृष्ण ने भारतीय संस्कृति, गुरूकुलम एवं आचार्यकुलम के इतिहास आदि की जानकारी दी।
इस अवसर पर सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री व नगर विधायक  मदन कौशिक,  प्रदीप बत्रा, पूर्व कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानन्द,  बालकनाथ महाराज, स्वामी परमानन्द,  ज्ञानदेव,  राजीव, महन्त रविन्द्रपुरी, स्वामी हरिचेतनानन्द,  पूर्व विधायक लक्सर संजय गुप्ता, कुलाधिपति डॉ सत्यपाल सिंह, जिलाधिकारी  धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक  प्रमेन्द्र डोभाल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
गुरूकुलम में छात्र शिक्षा के साथ संस्कारवान बनकर आदर्श नागरिक के रूप में समाज में देंगे अपना योगदान: सीएम धामी 
मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती और स्वामी दर्शनानंद का प्राचीन गुरूकुल परंपरा को पुर्नजीर्वित करने में बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा जिस प्रकार स्वामी रामदेव ने पतंजलि योगपीठ के माध्यम से विश्व में योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने का कार्य किया, उसी प्रकार पतंजलि गुरूकुलम भी शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव का द्योतक बनेगा। गुरूकुलम में बच्चों को शिक्षा के साथ ही संस्कार भी मिलेंगे, जिससे वो एक आदर्श नागरिक के रूप में समाज में अपना योगदान दे सकेंगे।
मुख्यमंत्री धामी  ने कहा कि गुरुकुल में गुरु अपने छात्रों को अपना कुलवाहक मानकर उन्हें तैयार करते हैं तथा शिक्षित कर उन्हें आदर्श मनुष्य बनाने का काम करते हैं।  भविष्य में पतंजलि गुुरुकुलम् रूपी गंगोत्री से निकले छात्र भारतीय शिक्षा पद्धति की धर्म ध्वजा को चारों ओर फहराने का कार्य करेंगे।  व्यक्ति निर्माण से ही राष्ट्र निर्माण संभव है। उन्होंने कहा कि  प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में देश में अनेक ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। भगवान राम का भव्य और दिव्य मंदिर बन रहा है। जिसके साक्षी हम सभी 22 जनवरी को बनेंगे। काशी में बाबा विश्वनाथ मंदिर के भव्य कोरिडोर, उज्जैन में महाकाललोक कॉरिडोर, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम का सौंदर्यीकरण हमारी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन का उदाहरण है।

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