उत्तराखण्डदेहरादून

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने देवभूमि से समान कानून का शुभारंभ को मातृशक्ति के सशक्तिकरण का प्रभावशाली कदम बताया, कहा – उत्तराखंड से निकला सुखद संदेश

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने जताया सीएम  धामी और विधायकों का आभार
देहरादून । भाजपा ने कॉमन सिविल कोड बिल सदन से पारित होने पर सवा करोड़ देव भूनिवासियो को हार्दिक बधाई दी है । साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं  सभी विधायकों का आभार व्यक्त करते हुए  देवभूमि से एक राष्ट्र एक कानून के शुभारंभ को मातृशक्ति के सशक्तिकरण को अधिक प्रभावी करने वाला कदम और देव भूमि से देश के लिए सुखद संदेश बताया।
प्रदेश अध्यक्ष  महेंद्र भट्ट ने यूसीसी को लेकर जन जन की भावनाओं को कॉमन सिविल कोड के निर्णायक स्वरूप में सामने आने का स्वागत करते हुए कहा कि कानूनी समानता के अधिकार जैसे अच्छे काम की शुरुआत के लिए देवभूमि से बेहतर स्थान कोई नही हो सकता था । उन्होंने प्रदेश के समस्त कार्यकर्ताओं और जनता की तरफ से इस ऐतिहासिक निर्णय पर सभी विधायकों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस कानून को 22 महीनों में 2.33 लाख सुझाव, 43 जन संवाद के सार्वजनिक कार्यक्रम और लगभग 6 दर्जन से अधिक मैराथन बैठक के बाद तैयार किया गया है । जिस पर विधानसभा की संवैधानिक मुहर लगने के बाद अब राज्यपाल की संस्तुति के बाद इस विधेयक का कानूनी शक्ल लेना तय है ।
भट्ट ने कहा कि इस विधेयक के पास होने के साथ एक बात तो पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि यह कानून मातृ शक्ति के सशक्तिकरण और एक समान कानूनी अधिकार देने की संविधान निर्माताओं के सपनों को पूरा करने वाला है । जो लोग गलतफहमी पैदा करने और भ्रम फैलाने का काम कर रहे थे उन्हें भी अहसास हो गया होगा कि यह कानून हिन्दू-मुस्लिम के वाद-विवाद और बहुसंख्यक अल्पसंख्यक जैसे शब्दों से परे है। इस प्रगतिशील कानून से राज्य के अंदर महिलाओं और बच्चों को वे सभी अधिकार मिल जाएंगे जिनसे उन्हें विगत 75 वर्षों से वंचित रखा गया है। इसका सबसे बड़ा उद्देश्य है महिलाओं और बाल अधिकारों को सुनिश्चित करना है।
यह कानून लोगों के अधिकार छीनने का नहीं बल्कि लोगों को अधिकार देने से सम्बंधित है, लिहाजा इससे किसी के धार्मिक रीति रिवाज और वैवाहिक परंपराओं में कोई बदलाव नहीं होगा । सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होने वाला यह कानून संविधान के भाग-4 के अनुच्छेद 37 और अनुच्छेद 44 के प्रावधानों के अनुसार है ।

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