उत्तराखण्डदेहरादून

दून में  हल्द्वानी की हिंसा में मारे गए  मृतकों के लिए शोक सभा आयोजित कर दी श्रद्धांजलि, विधायक सुमित हृदयेश ने घटना को प्रशासन की लापरवाही बताया, सिटिंग जज से जांच करने की मांग

कहा -बिना किसी तैयारी के तोड़फोड़ करने का प्रयास किया गया
जन संगठनों व विपक्षी दलों ने गांधी प्रतिमा के सामने की सर्वधर्म प्रार्थनासभा
देहरादून। विभिन्न जन संगठनों और विपक्षी दलों की ओर से शनिवार शाम गांधी पार्क में गांधी प्रतिमा के सामने हल्द्वानी की हिंसा में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए शोक सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर सर्वधर्म प्रार्थना भी गई। हल्द्वानी के विधायक ने इस सभा में वहां के मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी।
जन संगठनों की ओर से आयोजित शोक सभा में हिंसा में मारे गये लोगों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की गई । उत्तराखंड इंसानियत मंच के डॉ. रवि चोपड़ा और सर्वाेदय मंडल के हरबीर सिंह कुशवाहा ने सभी धर्मों की प्रार्थनाएं करवाई। इसके बाद रघुपति राघव राजा राम भजन गया।
हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश ने वहां की मौजूदा हालत के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद हल्द्वानी में कभी ऐसी घटना नहीं हुई है। उन्होंने इस घटना को प्रशासन की लापरवाही बताया और कहा कि बिना किसी तैयारी के तोड़फोड़ करने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि हिंसा और पथराव करने वालों के साथ उनकी कोई सहानुभूति नहीं है, ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। लेकिन, इस बात की भी जांच की जानी चाहिए कि आखिर इस घटना की असली वजह क्या है। सुमित हृदयेश ने कहा कि मुख्य सचिव की ओर से घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिये गये हैं, मगर वे इस तरह की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने किसी सीटिंग जज की और से जांच करवाने की मांग की।
शोक सभा में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, विधायक सुमित हृदेश, कांग्रेस महानगर अध्यक्ष जसविंदर सिंह गोंगी, पार्टी प्रवक्ता गरिमा दसौनी, धीरेन्द्र प्रताप सिंह, शीशपाल सिंह बिष्ट, लताफत हुसैन, लाल चंद शर्मा, याकूब सिद्धिकी, सीपीआई के समर भंडारी, सीपीएम के अनंत आकाश, सीपीआई माले के इंद्रेश मैखुरी, अखिल भारतीय किसान सभा के सीटू के लेखराज, भारत ज्ञान विज्ञान समिति के विजय भट्ट व इंद्रेश नौटियाल, भारत ज्ञान विज्ञान समिति के सतीश धौलाखंडी, साहित्यकार जितेन्द्र भारती, स्वतंत्र पत्रकार त्रिलोचन भट्ट आदि मौजूद रहे।

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