आम चुनाव 2024: भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में आयोजित जनसभा में गरजे उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, कहा – दार्जिलिंग की उपेक्षा कर रही ममता सरकार
ममता राज में फिर से उठने लगी है गोरखालैंड की मांग
कहा , केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार नीत नये कीर्तिमान कर रही स्थापित
दार्जिलिंग-देहरादून। पश्चिम बंगाल विधानसभा ने फरवरी में राज्य को विभाजित करने के प्रयासों के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया। जिसके बाद गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन के नौ सदस्य दार्जिलिंग में भूख हड़ताल पर बैठ गये। हमरो पार्टी और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा जैसी गोरखालैंड समर्थक पार्टियों ने हड़ताल का आह्वान किया था। बिनय तमांग ने यह कहते हुए टीएमसी छोड़ दी कि दार्जिलिंग में लोकतंत्र खतरे में है। ममता सरकार की उपेक्षित नीतियों के चलते फिर से अलग राज्य की मांग उठने लगी है। यह बात उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री और भाजपा के स्टार प्रचारक सतपाल महाराज ने रविवार को दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी राजू बिस्ता के समर्थन में लेबोंग गोरखा ग्राउंड, दार्जिलिंग में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी दार्जिलिंग की उपेक्षा कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार जहां नीत नये कीर्तिमान स्थापित कर रही है वहीं पश्चिमी बंगाल में ममता की टीएमसी की गुंडागर्दी जगजाहिर हो रही है। गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) विकास कार्य सही ढंग से नहीं कर पा रहा है। पहले, हर साल पहाड़ियों से लगभग 100 युवाओं को नर्सिंग संस्थानों में दाखिला मिलता था, लेकिन इस शैक्षणिक वर्ष में प्रवेश नीति में बदलाव के कारण केवल 20 को ही प्रवेश मिला है। फिर भी, जीटीए इस मुद्दे को बंगाल सरकार के सामने नहीं उठा पा रहा है। टीएमसी केवल अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को पहाड़ी क्षेत्रों में पट्टे (भूमि अधिकार दस्तावेज) वितरित कर रही है। सिलीगुड़ी में पट्टों की मांग है। सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गयी। दार्जिलिंग जिले का चिकित्सा बुनियादी ढांचा बहुत खराब है। संचार भी अच्छा नहीं है।
इस अवसर पर भाजपा पश्चिम बंगाल उपाध्यक्ष संजम सिंह, दार्जिलिंग विधायक नीरज जिम्बा, भाजपा जिलाध्यक्ष कल्याण दीवान, जीजेएमएम के अध्यक्ष विमल गुरुंग, मन घीसिंग अध्यक्ष, जीएनएलएफ, प्रवीण अग्रवाल ,अध्यक्ष गोरानिम, लोपसांग लामा, एलएम लामा, एनबी छेत्री, रोशन गिरी, प्रोफेसर महेंद्र पी लामा, श्रीमती चंद्रकला राय आदि उपस्थित थे।