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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने की पार्टी लाइन क्रॉस करने वाले सभी लोगों को अनुशासन के दायरे में रहने की ताकीद, बैठक में सभी पक्षों ने गलतियों व  गलतफहमियां को स्वीकारा , भविष्य में न दोहराए जाने का वादा

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने मीडिया में चल रही चर्चा पर लगाया विराम,
मामले में दोनों पक्षों को आमने सामने बैठकर स्थिति स्पष्ट कराई
सार्वजनिक बयानबाजी से बचते हुए  पार्टी नियमों के तहत ही अपनी बात को रखने की हिदायत
देहरादून ।भाजपा ने रविवार को पार्टी की अंदरूनी गतिविधियों को लेकर मीडिया में चल रही अनावश्यक चर्चा पर विराम लगाते हुए सभी को अनुशासन के दायरे में रहने की ताकीद की है । प्रदेश अध्यक्ष  महेंद्र भट्ट के साथ हुई बैठक में सभी पक्षों ने स्वीकारा है कि कुछ गलतफहमियां हुई थी, जिन्हे भविष्य में नही दोहराया जाएगा । साथ ही  भट्ट ने निकाय चुनाव मतदाता सूची में वोटर जोड़ने को प्राथमिकता देते हुए, शीघ्र 2 से 3 नामों का पैनल होगा तैयार करने की बात कही।वहीं बड़ी हुई बिजली दरों को लेकर पलटवार किया कि कांग्रेस पहले अपनी सरकारों के बिजली के दाम देखें, हम प्रदेश को शतप्रतिशत बिजली आपूर्ति एवं बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भरता की तरफ ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
पार्टी मुख्यालय में हुई इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष ने प्रत्येक मामले में दोनों पक्षों को आमने सामने बैठकर स्थिति स्पष्ट कराई। इस दौरान रानीखेत विधायक  प्रमोद नैनवाल, दायित्वधारी  कैलाश पंत, टिहरी विधायक  किशोर उपाध्याय, पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश धन्ने एवं प्रदेश कार्यसमिति सदस्य  खेम सिंह  चौहान ने अपना अपना पक्ष प्रस्तुत किया । बैठक के उपरांत मीडिया से भी बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कुछ दिनों से समाचार पत्र एवं टीवी चैनलों में पार्टी की अंदरूनी गतिविधियों को लेकर जो चर्चा चल रही थी, उसी संबंध में उनके द्वारा सभी पक्षों को बुलाया गया था। जिसमें सभी सभी को अपने विषयों को पार्टी के प्लेटफार्म पर रखने के लिए ताकीद किया गया है । साथ ही स्पष्ट किया कि अनुशासन के दायरे में रहकर ही सभी लोगों को पार्टी में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना है। संगठन में कोई नया व्यक्ति हो या पुराना, किसी भी तरह की सार्वजनिक बयानबाजी से बचते हुए उन्हे पार्टी नियमों के तहत ही अपनी बात को रखना है। उन्होंने हिदायत देते हुए कहा, कि अनुशासन के यह निर्देश उनके समेत पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं के लिए भी हैं, जिसका हम सबको पालन करना है।
भट्ट ने बताया कि सभी पक्षों ने इस दौरान स्वीकार कि मुद्दे छोटे छोटे थे ,लेकिन गलतफहमी के कारण वे मीडिया में बढ़चढ़ कर सामने आए । सभी ने माना कि इन तमाम मामलों को आपस में बैठकर सुलझाया जा सकता था । लेकिन अब आमने सामने चर्चा के बाद ये सभी विषय समाप्त हो गए हैं । साथ ही विश्वास दिलाया कि भविष्य में इस तरह का कोई भी प्रकरण उनके द्वारा सामने नही आयेगा ।
निकाय चुनाव मतदाता सूची में वोटर जोड़ने को प्राथमिकता देते हुए, शीघ्र 2 से 3 नामों का पैनल होगा तैयार
देहरादून।  निकाय चुनावों की तैयारियों को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए  भट्ट ने कहा कि पार्टी निकाय चुनाव को लेकर पूरी तरह गंभीर है। संगठन स्तर पर चुनाव प्रक्रिया को लेकर सभी रणनीतियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। हमारी कोशिश है, अधिक से अधिक वोटरों को मतदाता सूची से जोड़ने की, जिसको लेकर पार्टी के स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ को जिम्मेदारी दी गई है। दरअसल बहुत से मामलों में देखा गया है कि बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम नगर निकाय की सूचियां से गायब हैं। इसके अतिरिक्त बहुत से ऐसे प्रकरण भी सामने आए हैं जिनमे लोकसभा चुनाव की सूची में किसी पालिका में 18 हजार मतदाता हैं तो निकाय मतदाता सूची में 26 हजार वोटर हैं । इसी तरह प्रत्येक नगर निगम नगर पालिका नगर पंचायत में प्रत्याशियों के नाम का पैनल तैयार करने के लिए शीघ्र ही प्रभारी नियुक्त किया जा रहे हैं। जो जिला अध्यक्ष नगर अध्यक्ष एवं संगठन के तमाम पदाधिकारी से विचार विमर्श कर औसतन दो से तीन नाम प्रदेश नेतृत्व को भेजेंगे । जिस पर प्रदेश संसदीय समिति विचार कर उम्मीदवार चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी । साथ ही स्पष्ट किया कि हमारी फिलहाल प्राथमिकता अधिक से अधिक वोटरों को निकाय की सूची से जोड़ने की है ।
कहा,  विपक्ष को अपने राज्यों के बिजली दामों पर भी निगाह डालनी चाहिए
देहरादून। विद्युत दरों में हुई वृद्धि को लेकर कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि विपक्ष को अपने राज्यों के बिजली दामों पर भी निगाह डालनी चाहिए, जो अधिकांशत उत्तराखंड से भी अधिक हैं। विद्युत नियामक आयोग एक तय प्रक्रिया के तहत दरों को निर्धारित करता है, जिसे अधिक समय तक रोक कर विद्युत प्रबंधन को बाधित किया जाना उचित नही हैं। प्रदेश आज शत प्रतिशत बिजली सप्लाई एवं बेहतर आपूर्ति व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। साथ ही विद्युत उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए उन अनेकों विद्युत उत्पादन परियोजनाओं का निर्माण किया जा रहा है, जिन्हें कांग्रेस ने अपनी सरकारों में दशकों तक लटकाए रखा था।

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