उत्तराखण्ड

मुख्यमंत्री धामी ने चम्पावत को आदर्श जनपद बनाने के लिए बनाई जा रही कार्ययोजना और कार्यों की समीक्षा की

विकास कार्यों में पारिस्थितिकी और पर्यावरण में समन्वय बनाकर कार्य करें – मुख्यमंत्री धामी

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चम्पावत को आदर्श जनपद बनाने के लिए बनाई जा रही कार्ययोजना और कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाने के लिए जनपद चम्पावत को मॉडल जनपद के रूप में लिया जा रहा है। चम्पावत ऐसा जनपद है जिसमें राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से मैदान, तराई, भाबर और पर्वतीय क्षेत्र शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आदर्श जनपद चम्पावत के लिए बनाई जा रही कार्य योजना पर तेजी से कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि विकास के साथ विरासत को भी आगे बढ़ाना है। विकास कार्यों में पारिस्थितिकी और पर्यावरण में समन्वय बनाकर कार्य करें। प्रकृति द्वारा हमें प्रदान की गई विरासतों के संरक्षण के साथ विकास कार्य किये जाएं।

उन्होंने कहा कि अभी तक बनाई गई कार्ययोजना के अनुसार कार्यों को धरातल पर तेजी से उतारा जाए। चरणबद्ध तरीके से कार्यों में तेजी लाई जाए, यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यों के परिणाम जल्द धरातल पर दिखें। उन्होंने कहा कि आदर्श चम्पावत के लिए नोडल अधिकारी जनपद के अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं के साथ नियमित बैठकें करें। उन्होंने कहा कि आदर्श चम्पावत के लिए और क्या बेहतर कार्य हो सकते हैं, इसके लिए स्थानीय स्तर पर लोगों के सुझाव भी लिये जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पावत जनपद में धार्मिक, आध्यात्मिक और साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। चम्पावत जनपद में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटक की सुविधा के दृष्टिगत तीन से चार दिन की यात्रा के लिए सर्किट बनाए जाएं। पूर्णागिरी में श्रद्धालुओं की संख्या काफी अधिक रहती है, श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि शारदा कॉरिडोर और चम्पावत के आईएसबीटी को भी विस्तारित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि निर्माण संबधी कार्यों में पारिस्थतिकी से संबंधित पहलुओं का विशेष ध्यान रखा जाए।

बैठक में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी गई कि चम्पावत जनपद में पर्यटन, कृषि और बागवानी, हेल्थकेयर, शिक्षा, दुग्ध और उससे संबंधित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है। चम्पावत को आदर्श राज्य बनाने के लिए 2030 तक के लिए लघु, मध्यम और दीर्घकालिक योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। जनपद में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने, एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने, डेस्टिनेशन वेडिंग हब बनाने, किवी और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किये जा रहे हैं। आदर्श चम्पावत के लिए जिन योजनाओं पर कार्य किये जा रहे हैं, भविष्य में स्थानीय स्तर पर ये लोगों की आर्थिकी को तेजी से बढ़ाने में काफी कारगर साबित होंगी।

जिलाधिकारी चम्पावत नवनीत पाण्डेय ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ जनपद में प्रत्येक पात्र व्यक्ति को मिले, इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। चम्पावत जनपद में सैलर एनर्जी के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं, इस दिशा में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनपद में ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में पलायन बढ़ रहा है, इसको ध्यान में रखते हुए टाउन प्लानिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, एस.एन.पाण्डेय, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत, अपर सचिव जगदीश चन्द्र कांडपाल एवं कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button