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चारों धामों के कपाट बंद होने की तिथि हुई घोषित, 3 नवंबर को केदारनाथ धाम और 17 नवंबर को बंद होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट , जाने किस दिन बंद होंगे यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट

परंपरानुसार  केदारनाथ धाम एवं श्री यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के दिन होते हैं बंद,श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट गोवर्धन पूजा के दिन होते हैं बंद,द्वितीय केदार मद्महेश्वर  के कपाट  20 नवंबर व तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट 4 नवंबर  को बंद होंगे

श्री बदरीनाथ / केदारनाथ धाम/ देहरादून :  विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार 17 नवंबर नवंबर  रात्रि   9 बजकर 07 मिनट पर  मिथुन लग्न में शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे तथा पंच पूजायें  बुधवार 13  नवंबर से शुरू होंगी ।इसी के साथ उत्तराखंड चार धाम के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित कर दी गयी है।श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि  विजय दशमी/ दशहरे के अवसर पर श्री बदरीनाथ धाम  मंदिर परिसर में पंचाग गणना के बाद समारोहपूर्वक तय की गयी। कपाट बंद होने की तिथि तय करने के लिए दोपहर साढ़े ग्यारह बजे से कार्यक्रम शुरू हो गया था।समारोह में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु एवं तीर्थयात्री भी मौजूद रहे‌।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित होने के कार्यक्रम विजय दशमी के अवसर पर श्री बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय  ने  अपने संदेश में तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं  दी है। यात्रा से जुड़े सभी  विभागों,संस्थाओं, संगठनों सभी का आभार जताया।
कहा कि  इस यात्रा वर्ष श्री बदरीनाथ -केदारनाथ यात्रा  सरल सुगम रही  अभी यात्रा तथा   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में चारधाम  यात्रा में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री दर्शन को पहुंचे। सरकार एवं मंदिर समिति के प्रयासों से सभी यात्री सुविधाएं मुहैया हुई है। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित होने के कार्यक्रम विजय दशमी के अवसर पर रावल अमरनाथ नंबूदरी,  बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार एवं सदस्यगण,  मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल,प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी एवं बामणी, पांडुकेश्वर एवं माणा  के हक-हकूकधारियों  एवं तीर्थ पुरोहितों की उपस्थिति में धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट पंचांग गणना के अनुसार कपाट बंद होने की तिथि तय की।
आज ही देव डोलियों के  योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ प्रस्थान का कार्यक्रम भी तय हुआ। साथ ही यात्रा वर्ष 2025 के लिए भंडार व्यवस्था के लिए सम्मान स्वरूप पगड़ी भेंट की गयी।
भंडारी तोक से कुंदन सिंह भंडारी,कमदी थोक से अनुपम पंवार,मेहता थोक से यशवंत मेहता एवं सोबित मेहता को पगड़ी भेंट की गयी।परंपरागत रूप से श्री केदारनाथ धाम के कपाट  दीपावली के पावन पर्व के पश्चात भैया दूज को  बंद हो जाते है।  इस बार श्री केदारनाथ धाम के कपाट 3 नवंबर भैयादूज को  सुबह 8.30 बजे बंद हो रहे है। इसी दिन  3 नवंबर को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली पहले पड़ाव रामपुर ( निकट फाटा)  को प्रस्थान करेगी।4 नवंबर को पंचमुखी डोली श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी  5 नवंबर को गुप्तकाशी से  पंचकेदार गद्दस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में शीतकाल के लिए विराजमान होगी।
यह भी उल्लेखनीय  है कि इसी दिन यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद होते है तथा भैया दूज से एक दिन पहले अन्नकूट गोवर्धन पूजा के दिन श्री गंगोत्री धाम के कपाट अभिजीत मुहूर्त में बंद होते हैं । इस यात्रा वर्ष भैयादूज रविवार 3 नवंबर को यमुनोत्री  धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर  3 मिनट  पर बंद हो रहे है तथा अन्नकूट गोवर्धन पूजा शनिवार 2 नवंबर को है इस दिन  गंगोत्री  धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 4 मिनट पर  शुभ मुहूर्त में बंद हो रहे है।
वही द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट 20 नवंबर को बंद हो रहे है तथा तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट  4 नवंबर को बंद हो रहे है। जबकि मद्महेश्वर मेला 23 नवंबर को है इसी दिन श्री मद्महेश्वर भगवान की चल विग्रह डोली विभिन्न पड़ावों से होकर शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेंगे जबकि श्री तुंगनाथ  की चलविग्रह उत्सव डोली  विभिन्न पड़ावों से होकर 7 नवंबर को मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ पहुंचेगी।
24 लाख तीर्थ यात्रियों ने किया बद्रीनाथ और केदारनाथ के दर्शन: सीईओ थपलियाल
बदरीनाथ धाम से मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया है कि अभी तक  11 लाख से अधिक तीर्थयात्री श्री बदरीनाथ धाम पहुंचे है तथा साढे 13 लाख से अधिक तीर्थयात्री श्री केदारनाथ धाम दर्शन को पहुंचे।
इस तरह  साढ़े 24 लाख तीर्थयात्रियों ने श्री बदरीनाथ -केदारनाथ के दर्शन कर लिए है एवं साढ़े अड़तीस लाख तीर्थयात्री चारधाम यात्रा पर पहुंच गये है।

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