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केंद्र सरकार ने 6.7 लाख संदिग्ध सिम कार्ड और 1.3 लाख IMEI नंबर किए ब्लॉक

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने साइबर अपराधियों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए इस साल 15 नवंबर तक करीब 6.7 लाख संदिग्ध सिम कार्ड और 1.3 लाख IMEI (International Mobile Equipment Identity) नंबरों को ब्लॉक कर दिया है। गृह मंत्रालय ने यह जानकारी राज्यसभा में दी।

गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने साइबर अपराधों से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (TSP) ने साइबर अपराधियों द्वारा किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉल्स की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए एक प्रभावी प्रणाली तैयार की है। इस प्रणाली में डिजिटल गिरफ्तारी जैसे मामलों पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

सरकार का बढ़ता डिजिटल अरेस्ट के मामलों पर ध्यान
गृह मंत्रालय ने बताया कि सरकार साइबर अपराध से निपटने के लिए लगातार योजनाओं पर काम कर रही है। इन योजनाओं में FedEx घोटाले और सरकारी या पुलिस अधिकारियों के रूप में अपराधियों द्वारा किए गए स्पूफ कॉल्स की पहचान और रोकथाम के उपाय शामिल हैं।

मंत्रालय ने यह भी बताया कि वित्तीय धोखाधड़ी की तत्काल रिपोर्टिंग और साइबर अपराधियों के खिलाफ हेराफेरी को रोकने के लिए 2021 में ‘नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली’ शुरू की गई थी। अब तक इस प्रणाली के तहत 9.9 लाख से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें 3,431 करोड़ रुपये से अधिक की राशि साइबर अपराधियों के हाथों में जाने से बचाई गई है।

साइबर ठगों के बढ़ते तरीके
सरकार साइबर ठगों द्वारा डिजिटल अरेस्ट जैसे तरीकों से की जा रही ठगी पर गंभीर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में भी इस मुद्दे का जिक्र किया था। इन ठगों के द्वारा लोगों को पुलिस या जांच एजेंसी का अधिकारी बनकर कॉल किया जाता है और फिर वीडियो कॉल पर बने रहने के लिए दबाव डाला जाता है। इस दौरान विभिन्न तरीकों से लोगों को डराकर उनसे पैसे वसूले जाते हैं।

मंत्रालय ने साफ किया कि कोई भी जांच एजेंसी फोन कॉल पर किसी मामले की जांच नहीं करती है और न ही किसी व्यक्ति से फोन पर विवरण मांगती है।

साइबर अपराध से सुरक्षा के उपाय
इस बढ़ते खतरे के बीच, सरकार और संबंधित एजेंसियां लोगों को सतर्क रहने की सलाह दे रही हैं। यदि आपको किसी कॉल या संदेश के जरिए संदेहास्पद गतिविधि का सामना हो, तो तत्काल साइबर हेल्पलाइन से संपर्क करें और उचित कदम उठाएं। सरकार ने टीएसपी (Telecom Service Providers) को ऐसे संदिग्ध कॉल्स को ब्लॉक करने के निर्देश दिए हैं।

सरकार के ये कदम साइबर अपराध को रोकने और नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए अहम साबित हो सकते हैं।

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