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प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष धस्माना ने  बोला बड़ा हमला, कहा- सरकार के इशारे पर हो रही हैं महापंचायतें , हाई कोर्ट के आदेशों की उड़ाई जा रही धज्जियां

भाजपा सरकार पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और विफलताओं को छुपाने का आरोप ,
कहा , उत्तरकाशी की शांत वादियों को जानबूझकर सांप्रदायिक तनाव में झोंका जा रहा
देहरादून। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और जनपद उत्तरकाशी के प्रभारी सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा सरकार अपनी नाकामियों और विफलताओं को छुपाने के लिए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है। इतना ही नहीं, प्रदेश सरकार और उसके नेताओं पर नैनीताल उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करने का गंभीर आरोप भी लगा है।
रविवार को अपने कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए धस्माना ने कहा कि उत्तरकाशी की शांत वादियों को जानबूझकर सांप्रदायिक तनाव में झोंका जा रहा है। पहले पुरोला में फर्जी मामला बनाकर माहौल खराब किया गया और अब दशकों पुरानी मस्जिद का मुद्दा उठाकर प्रदेश के सौहार्द को नष्ट करने की साजिश रची जा रही है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उत्तरकाशी की महापंचायत में भाजपा के विधायकों ने भाषण देकर आग में घी डालने का काम किया। यह कदम उच्च न्यायालय के आदेशों और सरकार के ही हलफनामे का उल्लंघन है, जिसमें महापंचायत की अनुमति न देने की बात कही गई थी।
कहा,सांप्रदायिक घटनाओं में शामिल तत्वों को भाजपा  नेताओं का संरक्षण

देहरादून।  प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष धस्माना ने कहा कि इन सांप्रदायिक घटनाओं में शामिल तत्वों को भाजपा सरकार और उसके नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। सरकार ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें महापंचायत आयोजित करने की खुली छूट दी, जिससे उनकी मंशा साफ हो जाती है। उन्होंने भाजपा सरकार पर विकास, रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।

जनता से की अपील और सरकार को दी चेतावनी 

धस्माना ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे ऐसी साजिशों से सावधान रहें और शांति बनाए रखें। साथ ही उन्होंने सरकार को चेतावनी दी, अगर प्रदेश का माहौल बिगाड़ने वाले तत्वों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो कांग्रेस सड़कों पर उतरकर जनता के हितों के लिए संघर्ष करेगी। धस्माना ने कहा कि भाजपा सरकार और उसके नेताओं को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद महापंचायत आयोजित होने का जिम्मेदार कौन है।

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