उत्तराखण्डदेहरादून

दून अस्पताल में बनी मजार को प्रशासन ने किया ध्वस्त, वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स ने दर्ज कराई आपत्ति, सीएम ने दिया जांच कराने का आश्वासन

सीएम पोर्टल पर दर्ज हुई थी शिकायत, प्रशासनिक जांच के बाद  देर रात में  की गई कार्रवाई

देहरादून। राजधानी के दून अस्पताल में बनी मजार को लेकर सीएम पोर्टल पर दर्ज शिकायत पर प्रशासनिक जांच को पूरा करते हुए देर रात बुल्डोजर से ध्वस्त कर दिया । कहा गया कि मजार सरकारी भूमि पर कब्जा कर बनाई गई थी।जानकारी के मुताबिक सीएम हेल्प लाइन पोर्टल पर   शिकायत दर्ज किए जाने के बाद डीएम देहरादून द्वारा इस विषय पर जांच पड़ताल करने को कहा गया था ,जिसके बाद नगर प्रशासन द्वारा इस बारे में भूमि संबंधी दस्तावेजों की जांच करने के निर्देश दिए गए । जिनके द्वारा राजस्व, नगर निगम,पी डब्ल्यू डी , दून अस्पताल प्रशासन और अन्य विभागों में इस बारे में जांच पड़ताल की गई । इसके बाद प्रशासन की टीम ने शुक्रवार को देर रात अस्पताल मार्ग को सील कर पुलिस फोर्स तैनात कर अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया। देर रात नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, दून अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने मिलकर इस मजार के ध्वस्तीकरण का काम पूरा किया।

उल्लेखनीय है कि दून अस्पताल के पास “दरगाह कमाल शाह वक्फ बोर्ड में नंबर 55 में रजिस्टर्ड है।वहीं मजार को वक्फ संपत्ति के रूप में भी पंजीकृत किया गया है।साथ ही उत्तराखंड वक्फ बोर्ड द्वारा प्रबंधन समिति को भी नियुक्त किया गया था।
वहीं इस मामले में जब उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शाम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि दून अस्पताल के पास दरगाह को प्रशासन द्वारा ध्वस्त करने की कार्रवाई के बारे में  आपत्ति मुख्यमंत्री को दर्ज कराई गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस मामले में जांच कराने का आश्वासन दिया है। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि उन्हें खुद इस दरगाह को प्रशासन द्वारा ध्वस्त कराए जाने का  अफसोस है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से यह दरगाह वक्फ बोर्ड में दर्ज है। उससे पहले यह दरगाह उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ में दर्ज थी।
धस्माना बोले -भाजपा कर रही नफरत फैलाने की राजनीति
देहरादून। राजधानी के दून अस्पताल के परिसर में बनी
मजार को देर रात  ध्वस्त कर दिया गया। सीएम पोर्टल पर दर्ज शिकायत को प्रशासनिक टीम ने पूरा करते हुए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। इस मामले में   कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया सामने आई है।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन एवं प्रशासन सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि दून अस्पताल परिसर में स्थित मजार को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है, इसको लेकर कांग्रेस पार्टी का यही कहना है कि अवैध निर्माण के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को लेकर पार्टी को कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन केंद्र और राज्य सरकार का एजेंडा सिर्फ मजारों और मदरसों पर कार्रवाई तक ही सीमित रह गया है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा किसी न किसी बहाने समाज में नफरत फैलाने तक ही रह गई है। सरकार का काम हिंदू -मुसलमान का नैरेटिव सेट करने तक ही रह गया है। इसके अलावा सरकार के पास कोई काम नहीं रह गया है। अगर दून अस्पताल की मजार अवैध थी तो इसका जवाब उत्तराखंड का वक्फ बोर्ड देता, क्योंकि बोर्ड उस मजार का संचालन कर रहा था। जब से उत्तराखंड का गठन हुआ है, तब से उस मजार का तमाम मैनेजमेंट उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अधीन था। राज्य गठन से पहले इस मजार का संचालन उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड किया करता था। यह मजार अवैध थी या फिर नहीं थी, इसका जवाब वक्फ बोर्ड ही दे सकता था।

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